TMC की महुआ मोइत्रा का कृष्णानगर सीट पर BJP की 'शाही उम्मीदवार' से सामना

कृष्णानगर से महुआ मोइत्रा को फिर से नामांकित करने को तृणमूल कांग्रेस द्वारा भाजपा के प्रति सीधी चुनौती के रूप में देखा गया है.

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नई दिल्ली:

तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से एक बार फिर महुआ मोइत्रा को ही उम्मीदवार बनाया है, उन्हें पिछले साल विवाद के बाद सांसद पद से निष्कासित कर दिया गया था. इस बार महुआ मोइत्रा को स्थानीय शाही परिवार की बीजेपी की उम्मीदवार अमृता रॉय से सीधी चुनौती मिल रही है.

राजमाता अमृता रॉय का नाम रविवार को बीजेपी की पांचवीं सूची में सामने आया. अमृता रॉय के अलावा इसमें कई बड़े नाम शामिल थे. अभिनेत्री कंगना रनौत हिमाचल प्रदेश की मंडी और अभिनेता अरुण गोविल उत्तर प्रदेश की मेरठ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. वहीं यूपी की पीलीभीत सीट से वरुण गांधी का टिकट कट गया है.

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने कैश-फॉर-क्वेरी मामले में शिकायत दर्ज कर महुआ मोइत्रा के कोलकाता स्थित घर पर छापा मारा था. इसकी जानकारी देते हुए मोइत्रा ने कृष्णानगर सीट से बीजेपी के उम्मीदवार की घोषणा नहीं किए जाने को लेकर तंज कसा था.

49 वर्षीय महुआ मोइत्रा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कृष्णानगर में आसानी से जीत हासिल की थी और 45 प्रतिशत वोट हासिल कर भाजपा के कल्याण चौबे को 60,000 वोटों से हराया था.

पूर्व निवेश बैंकर महुआ मोइत्रा भाजपा के सबसे बड़े आलोचकों में से एक हैं. संसद में जोशीले भाषण, सोशल मीडिया पर तीखे शब्दों से हमले का साथ ही केंद्रीय मंत्रियों, भगवा पार्टी के नेताओं के साथ उनका कई बार आमना-सामना हुआ है.

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कृष्णानगर लोकसभा सीट पर 2009 से तृणमूल का कब्जा है, तब तापस पॉल ने इसे सीपीआई-एम से छीना था. सीपीआई-एम का 1971 से 1999 तक यहां बिना किसी चुनौती के दबदबा कायम किया था. इस चुनाव में सीधी लड़ाई में वाम दल के उम्मीदवार के होने की संभावना नहीं है. टीएमसी की महुआ मोइत्रा और बीजेपी की राजमाता अमृता रॉय में सीधा मुकाबला है.

कृष्णानगर से महुआ मोइत्रा को फिर से नामांकित करने को तृणमूल कांग्रेस द्वारा भाजपा के प्रति सीधी चुनौती के रूप में देखा गया है. भ्रष्टाचार के आरोपों पर उनके विवादास्पद निष्कासन के बाद ये एक चुनौती भी है.

टीएमसी को महुआ मोइत्रा के पक्ष में खड़े होने में कुछ समय लगा, लेकिन अब वो मजबूती से उनके पक्ष में खड़ी हो गई है. ममता बनर्जी ने उनकी बर्खास्तगी को 'लोकतंत्र की हत्या' बताया है.

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तृणमूल कांग्रेस के लिए भाजपा के खिलाफ इस लड़ाई में केंद्रीय शख्सियतों में महुआ मोइत्रा उभरकर सामने आई हैं. 

ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी, विपक्षी इंडिया गठबंधन की सदस्य है. हालांकि, ज़मीनी स्तर पर तृणमूल अपने दम पर चुनाव लड़ रही है. गठबंधन के सदस्यों के साथ कोई सीट-बंटवारे का समझौता नहीं हुआ है. बंगाल में चुनाव लड़ने वाली सीपीआई-एम और कांग्रेस इंडिया गठबंधन में शामिल हैं.

पश्चिम बंगाल में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के बाद सबसे अधिक 42 लोकसभा सीटें हैं, और इसलिए ये भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण राज्य है, जो अपने दम पर 370+ सीटें जीतना चाहती है. बंगाल में पिछली बार बीजेपी ने 18 सीटें जीती थी.

महुआ मोइत्रा को चार महीने पहले, भ्रष्टाचार के आरोप में सांसद पद से निष्कासित कर दिया गया था.

महुआ मोइत्रा पर घूस लेने का आरोप
आरोप है कि महुआ ने संसद में सरकार की आलोचना करने वाले सवाल पूछने के लिए एक व्यवसायी - दर्शन हीरानंदानी से कथित तौर पर ₹2 करोड़ नकद और "लक्जरी उपहार आइटम" लिए थे. उन पर संसद की वेबसाइट पर अपने गोपनीय खाते में लॉग-इन विवरण साझा करने का भी आरोप लगाया गया था.

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वहीं महुआ मोइत्रा ने रिश्वतखोरी के आरोपों से इनकार किया है, हालांकि उन्होंने कहा कि उन्होंने पोर्टल क्रेडेंशियल्स साझा किए थे. उन्होंने तर्क दिया कि ये सांसदों के बीच आम बात है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई मई में करेगा.
 

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