विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगाह किया है कि संघर्षों, सत्ता केंद्रों में बदलाव और तेज होती प्रतिस्पर्धा के कारण इस दशक में दुनिया में ‘बहुत अधिक उथल-पुथल' होगी और ऐसे में बहुत जरूरी है कि देश की कमान मजबूत और परिपक्व हाथों में हो.
जयशंकर ने बृहस्पतिवार शाम को ‘पीटीआई-भाषा' को दिए विशेष साक्षात्कार में 2020 के दशक के अंत तक एक ऐसी दुनिया की तस्वीर चित्रित की जो हमारे आज के संसार से बिल्कुल अलग होगी. वैश्विक शक्ति संतुलन के इस आकलन में उन्होंने कूटनीति और राजनीति में अपने लगभग 50 वर्ष के अनुभव के आधार पर कुछ चिंतित करने वाले तथ्य पेश किए.
चीन और अमेरिका में भारत के राजदूत रह चुके जयशंकर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2019 में राजनीति में लेकर आए थे.
जयशंकर ने कहा, ‘‘कई सारे संघर्ष, तनाव, विभाजन! इन सभी पहलुओं के साथ जो मैं आपके सामने रख रहा हूं,... मैं वास्तव में, इस दशक की शेष अवधि में बहुत अधिक उथल-पुथल वाले अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य की तस्वीर पेश कर रहा हूं.''
विदेश मंत्री ने इस ‘उथल-पुथल' की भविष्यवाणी के लिए विशेष रूप से अमेरिका के घटते दबदबे, यूक्रेन में युद्ध, गाजा में संघर्ष, लाल सागर में हमले, दक्षिण चीन सागर में तनाव, विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में आतंकवाद की चुनौती और नई प्रौद्योगिकियों के आविर्भाव को जिम्मेदार ठहराया.
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि आज ये सभी घटनाक्रम मिलकर एक जबदरस्त उथल-पुथल की तस्वीर प्रस्तुत करते हैं और इन सबसे ऊपर प्रतिस्पर्धा भी तेज हो रही है.''
इस संदर्भ में विदेश मंत्री ने कहा,‘‘ ऐसे में यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि लोकसभा चुनाव में मतदाता विवेकपूर्ण तरीके से चुनाव करें ताकि भारत में एक मजबूत, स्थिर और परिपक्व नेतृत्व कायम रहे.''
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को बनाए रखने की पैरवी करते हुए उन्होंने कहा,‘‘ मेरे हिसाब से, आज के हालात में भारतीय मतदाताओं को जो सबसे बड़ा चुनाव करना है- वह ये है कि आप भारत सरकार की कमान सौंपने के लिए किस पर भरोसा करेंगे?''
अपने राजनयिक अनुभव से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत और मोदी सरकार की साख बढ़ाने के लिए देश में लोकप्रिय जयशंकर ने संकेत दिया कि दुनिया में यह उथल-पुथल पहले से ही शुरू हो चुकी है.
उन्होंने कहा, ‘‘आज यूक्रेन में युद्ध हो रहा है, गाजा में संघर्ष के हालात हैं, लाल सागर और अरब सागर में हमले हो रहे हैं, दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में तनाव की स्थिति है, विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में आतंकवाद है, हमारे सामने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ समस्या है, लेकिन अन्य देशों के भी चीन के साथ अपने अलग मुद्दे हैं.''
जयशंकर ने कहा, ‘‘अमेरिका आज भी दुनिया की प्रमुख महाशक्ति है. लेकिन कई कारणों से, आप कह सकते हैं कि अमेरिका और पायदान पर उसके बाद खड़ी महाशक्तियां पहले की तुलना में उसके काफी करीब पहुंच गई हैं. दुनिया को लेकर अमेरिका के रवैये में भी बदलाव आया है.''