कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए 6 अप्रैल को जयपुर में अपना घोषणा-पत्र जारी करेगी. इसमें कई सामाजिक कल्याण से जुड़े वादे और 25 गारंटी शामिल किए जाने की उम्मीद है. इसमें पांच-पांच गारंटी प्रत्येक 'न्याय स्तंभ' के तहत शामिल होंगी. पार्टी की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
घोषणा पत्र जारी करने के लिए आयोजित किए जा रहे इस बड़े कार्यक्रम में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे सहित कांग्रेस के शीर्ष नेता और पार्टी की राज्य इकाई के वरिष्ठ सदस्य भी शामिल होंगे.
कांग्रेस विपक्षी दलों के इंडिया (INDIA) गठबंधन का नेतृत्व कर रही है. इसका गठन पिछले साल जून में बीजेपी की चुनाव जीतने वाली मजबूत मशीनरी से मुकाबला करने के लिए किया गया था.
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र के लिए जनवरी में जनता से विचार और सुझाव मांगे थे. इसकी फ्रेमिंग कमेटी का नेतृत्व पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम ने किया. इस समिति ने इसे "लोगों का घोषणा-पत्र" कहा है.
चिदंबरम ने कहा कि, "हर राज्य में सार्वजनिक सलाह लेने के अलावा कांग्रेस ने सुझावों के लिए एक ई-मेल एकाउंट और एक वेबसाइट स्थापित की है. पार्टी यथासंभव अधिक से अधिक सुझावों को शामिल करेगी.''
कांग्रेस सांसद शशि थरूर अपनी परंपरागत तिरुवनंतपुरम सीट से एक बार फिर चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि घोषणा-पत्र में बेरोजगारी, महंगाई और गरीबों के लिए आय समर्थन, साथ ही महिलाओं के अधिकारों और किसानों की हालत पर केंद्रित रहेगा. इसमें 2020 और इस साल की शुरुआत में किसानों के विरोध प्रदर्शन, केंद्र में विवादास्पद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुद्दों का भी जिक्र किए जाने की संभावना है.
उम्मीद की जा रही है कि कांग्रेस परीक्षा प्रश्न पत्र लीक करने के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित करने के लिए एक कड़े कानून लाने का वादा करेगी और सार्वजनिक सेवा भर्तियों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उपाय सुझाएगी.
कांग्रेस ने कहा है कि घोषणापत्र में कई ऐसे बिंदु और अन्य बातें भी शामिल की जाएंगी जो कि मतदाताओं की ओर से राहुल गांधी को उनकी दूसरी 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान बताई गई थीं.
घोषणा-पत्र में जिन अधिक महत्वपूर्ण मुद्दों पर नजर रहेगी उनमें राष्ट्रीय जाति सर्वेक्षण के मामले में पार्टी के स्टैंड और संशोधित नागरिकता कानून पर पार्टी की प्रतिक्रिया शामिल होगी. साल 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में कांग्रेस ने वादा किया था कि वह राज्य में इस तरह के जाति सर्वेक्षण का आदेश देगी.
कांग्रेस की ओर से लोकसभा चुनाव का घोषणा-पत्र जारी करने के लिए राजस्थान का चयन करना दिलचस्प है. साल 2009 के चुनाव के बाद से कांग्रेस ने इस राज्य में एक भी लोकसभा सीट नहीं जीती है. साल 2014 और 2019 में 'मोदी लहर' के चलते बीजेपी ने अपनी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस को पछाड़ दिया था. बीजेपी ने 2014 में सभी 25 सीटें और 2019 में 24 सीटें जीती थीं. साल 2019 के चुनाव में 25वीं सीट बीजेपी की सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के खाते में गई थी.
राजस्थान वह राज्य भी है जहां पिछले साल के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली थी. कांग्रेस ने 70 सीटें जीतीं, जबकि इससे पांच साल पहले के चुनाव में उसे 100 सीटें मिली थीं. बीजेपी को 115 सीटें मिलीं.
विधानसभा में बीजेपी ने कांग्रेस पर 45 सीटों की बढ़त ले ली लेकिन मतों के अंतर ने यह भी साफ कर दिया कि दोनों दलों के बीच लड़ाई काफी करीबी थी. बीजेपी का वोट शेयर कांग्रेस के 39.55 प्रतिशत से केवल 2.14 प्रतिशत अधिक है. इसमें 2018 के चुनाव के मुकाबले सिर्फ .23 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
राजस्थान 'हिंदी हार्टलैंड' का हिस्सा है, जहां पर पहले से बीजेपी को समर्थन मिलता रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी की पार्टी को उम्मीद है कि लोग इस परंपरा को जारी रखने के लिए बड़ी संख्या में आगे आएंगे.
भगवा पार्टी को अपनी खुद की 370 लोकसभा सीटों के लक्ष्य तक पहुंचना है और पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ 400 से अधिक सीटें हासिल करनी हैं तो राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बंगाल जैसे राज्यों में उसे मजबूत प्रदर्शन करना होगा. राजस्थान और उक्त चार राज्यों में कुल 235 लोकसभा सीटें हैं.