हैदराबादी बिरयानी का स्वाद तो लोगों को अपनी ओर खींचता ही है, लेकिन तेलंगाना (Telangana) का चुनावी ज़ायका भी कम दिलचस्प नहीं है. कांग्रेस ने 2023 में हुए तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल की. यहां की 119 विधानसभा सीटों में से पार्टी ने 64 सीटें जीती. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस (Congress) ने के चंद्रशेखर राव (KCR) सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर (एंटी इंकमबेंसी) का भरपूर फायदा उठाया. पार्टी ने गारंटी वादों का ऐसा तड़का लगाया कि तेलंगाना की सियासत में उसकी रेसिपी हिट रही. ऐसे में सवाल ये है कि कांग्रेस ने जो प्रदर्शन विधानसभा चुनाव में दिया था, उसे लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में बरकरार रख पाएगी?
के चंद्रशेखर राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति (पहले तेलंगाना राष्ट्र समिति) के लिए तेलंगाना गढ़ रहा है. राज्य का दर्जा मिलने बाद BRS की ही सरकार रही. तेलंगाना में 17 लोकसभा सीटें हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में BRS ने 35% वोट शेयर के साथ 11 सीटें जीती. वहीं, 2019 में पार्टी 2 सीटों के गिरावट के साथ 9 सीटें हासिल कीं. हालांकि, उसका वोट शेयर बढ़कर 42% हो गया. पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने 4, कांग्रेस ने 3, BRS (TRS) ने 9 और AIMIM ने 1 सीट जीती थी. अब राज्य की सत्ता में काबिज होने के बाद कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में भी अच्छे प्रदर्शन का भरोसा है. जबकि BJP यहां सेंधमारी करने में जोर लगा रही है.
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तेलंगाना विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे
2023 में हुए तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जबरदस्त जीत हासिल की. कांग्रेस ने 119 विधानसभा सीटों में से 64 सीटें जीतीं. BRS को सिर्फ 38 सीटें मिलीं. BJP के खाते में 8 सीटें गईं. जबकि ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने 7 सीटों पर जीत हासिल की. कांग्रेस का वोट शेयर 40% रहा. BRS को 38% वोट मिले. BJP के नेतृत्व वाले गठबंधन को 14% वोट मिले थे. AIMIM का वोट शेयर 2% रहा.
अपना अस्तिस्व बचाने के लिए जूझ रही KCR की BRS
विधानसभा चुनाव में मिली हार ने KCR की BRS की कमर तोड़ दी है. उसके कई नेता अलग-अलग मामलों में जांच का सामना कर रहे हैं. दिल्ली शराब नीति केस में कथित मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर KCR की बेटी के कविता तिहाड़ जेल में हैं. लोकसभा चुनाव में BRS प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रासंगिकता की लड़ाई लड़ रही है.
2023 के विधानसभा चुनाव में यूं बढ़ी कांग्रेस
2019 में कांग्रेस के पास रेड्डी वोट शेयर 21% था, जो 2023 में 49% हो गया. यानी वोट शेयर में 28% का इजाफा हुआ. 2019 में OBC वोट शेयर 25% था, जो 2023 में 36% हो गया. 2019 में SC वोट शेयर 36% था, जो 2203 में 38% हो गया. ST वोट 2019 में 29% था, जो 2023 में 47% हो गया. मुस्लिम वोटों की बात करें, तो 2019 में ये 42% था, लेकिन 2023 में ये 32 फीसदी हो गया. यानी मुस्लिम वोट शेयर में 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
क्या कांग्रेस 2024 में दोहरा पाएगी 2023 की जीत?
तेलंगाना कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में भी अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है. पार्टी 2023 के विधानसभा चुनाव में किए गए वादों और चुनावी गारंटियों को फिर से जनता के बीच जा रही है. रेवंत रेड्डी ने इन सभी गारंटियों के दम पर अपने लाभार्थियों का एक समूह तैयार कर लिया है. दूसरी ओर कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी यहां रैलियां कर रहे हैं और कांग्रेस के लिए वोट की अपील कर रहे हैं.
2024 का अनुमान
राजनीतिक विश्लेषक अमिताभ तिवारी ने NDTV से कहा, "अगर BRS के 5% वोट BJP झटक ले तो बीजेपी और कांग्रेस 5-5 सीटें जीत सकती है. इसके साथ ही BRS को 6 और एक सीट AIMIM को मिलेगी.
- अगर BRS को BJP से 10 फीसदी वोटों का नुकसान होता है, तो BRS और BJP 5-5 सीटें जीत सकती है वहीं, कांग्रेस 6 और AIMIM सिर्फ 1 सीट जीत सकती है.
-अगर कांग्रेस, BRS के 5% वोटों में सेंधमारी करने में कामयाब हो जाती है, तब भी BRS 7 सीटों के आसपास रहेगी. कांग्रेस पार्टी 3 से 5 सीटों पर पहुंच जाएगी. BJP 4 और AIMIM 1 सीट पर रह सकती है.
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BJP के लिए हैदराबाद में कितनी होगी चुनौती?
लोकनीति के नेशनल कोऑर्डिनेटर संदीप शास्त्री कहते हैं, "हैदराबाद की लड़ाई बहुत ही मजबूत लड़ाई है. BJP ने यहां से ऐसे कैंडिडेट माधवी लता को उतारा है, जो ओवैसी को ठीक टक्कर दे रही हैं. ओवैसी ने काफी सालों से हैदराबाद क्षेत्र को कंट्रोल में रखा है. ऐसे में BJP के लिए AIMIM के गढ़ में ओवैसी के सामने से जीत की थाली छिनना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन ये राजनीति है. राजनीति में चीजें मुश्किल सही, लेकिन नामुमकिन कतई नहीं होती.
तेलंगाना में जातीय समीकरण
संदीप शास्त्री कहते हैं, "तेलंगाना में जातीय समीकरण बहुत तगड़ी चलती है. अगर BRS इस चुनाव में थोड़ा बैक सीट ले रहा है तो सवाल उठता है कि कांग्रेस या BJP में कौन उस एक जातीय समीकरण से फायदा उठा सकता है? अगर BRS बैकफुट पर है, तो पिछड़ी जातियों और रेड्डी वोट का फायदा BJP-कांग्रेस को मिल सकता है."