सुप्रीम कोर्ट का एक और ऐतिहासिक कदम, प्रयोग के तौर पर सुनवाई का लाइव ट्रांसक्रिप्शन लॉन्च

फिलहाल ये ट्रांसक्रिप्ट  बहस करने वाले वकीलों को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड करने से पहले जांच के लिए दी जाएगी. यह एक या दो दिन के लिए प्रायोगिक आधार पर होगा. इसके बाद इसके लिए मानक तैयार होंगे.

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लाइव ट्रांसक्रिप्शन के लिए AI तकनीक का उपयोग किया है.
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट में पिछले दिनों से कई बदलाव देखने को मिले हैं. अब फिर से सुप्रीम कोर्ट ने एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है. सुप्रीम कोर्ट में आज से एक्सपेरिमेंट के आधार पर संविधान पीठ की सुनवाई का लाइव ट्रांसक्रिप्शन लॉन्च किया गया. फिलहाल ये ट्रांसक्रिप्ट  बहस करने वाले वकीलों को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड करने से पहले जांच के लिए दी जाएगी. यह एक या दो दिन के लिए प्रायोगिक आधार पर होगा. इसके बाद इसके लिए मानक तैयार होंगे. 

इस सुनवाई के दौरान CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने वकीलों को कोर्ट रूम में लगे स्क्रीन को दिखाया और बताया कि आज से से प्रयोग शुरू हो रहा है. इससे लोगों को खासतौर पर लॉ स्कूलों में ज्यादा मदद मिलेगी कि केस पर किस तरह बहस की गई.  धीरे धीरे इसे लाइव कर दिया जाएगा. कोर्ट में मौजूद कपिल सिब्बल ने भी इसे बेहतरीन कदम बताया. 

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सुनवाई के लाइव ट्रांसक्रिप्शन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग द्वारा संचालित तकनीक का उपयोग किया है. भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में शिवसेना बनाम शिवसेना मामले की प्रायोगिक आधार पर ये शुरुआत की जा रही है.

अदालती कार्यवाही के लाइव ट्रांसक्रिप्शन को प्रदर्शित करने वाली स्क्रीन को वकीलों के सामने कोर्ट रूम 1 में रखा गया है. सूत्रों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट मौखिक दलीलों की  ट्रांसक्रिप्ट अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराएगा.

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