नीतीश कुमार ने माना, पटना में धड़ल्ले से बिक रही शराब और लोग पी भी रहे...

शराबबंदी को लेकर हुई इस समीक्षा बैठक में शामिल अध‍िकारियों ने माना कि जहरीली शराब (spurious liquor) जैसी घटनाओं को कैसे रोका जाए, इसे लेकर मुख्‍यमंत्री ने कोई निर्देश नहीं दिए हैं

विज्ञापन
Read Time: 12 mins
बिहार में शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समीक्षा बैठक की (फाइल फोटो)
भोपाल:

बिहार में जहरीली शराब (toxic alcohol) से 70 से ज्यादा मौतों को लेकर आलोचना झेल रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को समीक्षा बैठक की. हालांकि शराबबंदी (liquor ban) को सख्ती से लागू करने को लेकर मिले तमाम सुझावों और उपायों के बीच नीतीश कुमार ने भी माना कि राजधानी पटना में शराब बिक भी रही है औऱ लोग पी भी रहे हैं. वहीं बैठक में शामिल अध‍िकारियों ने माना कि जहरीली शराब (spurious liquor) जैसी घटनाओं को कैसे रोका जाए, इसे लेकर मुख्‍यमंत्री ने कोई निर्देश नहीं दिए हैं.

बिहार में शराबबंदी पर समीक्षा बैठक से पहले तेजस्वी यादव ने CM नीतीश कुमार से पूछे 15 सवाल

बैठक से यह बात भी निकलकर आई कि बिहार में शराबबंदी के बाद 200 से ज्यादा पुलिस स्टेशन में शराब के सेवन या बरामदगी से जुड़ा कोई केस नहीं दर्ज हुआ है. मगर 2016 से अब तक करीब साढ़े 5 साल में शराबबंदी से जुड़े नियमों के उल्लंघन के 4 लाख से ज्यादा केस दर्ज हो चुके हैं, लेकिन महज 1150 मामलों में ही दोषियों को सजा हो पाई है. यह कुल मामलों का आधा फीसदी भी नहीं है. 

बैठक के बाद बिहार के गृह सचिव चैतन्य प्रसाद ने कहा कि सरकारी कर्मियों और अधिकारियों के बारे में शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई होगी. पड़ोसी राज्य झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल से आने वाली शराब को रोकने के लिए विशेष निगरानी की जाएगी.  प्रभारी जिला सचिवों को लगातार फील्ड का दौरा करने को कहा गया है. शहरों में शराब की होम डिलीवरी करने वाले की पहचान होगी, इसके लिए लगातार छापेमारी अभियान चलाया जाएगा.

शराब की होम डिलीवरी पर कसेगा शिकंजा
दूसरे राज्यों से शराब की तस्करी रोकने पर बैठक में चर्चा हुई. गृह सचिव ने कहा कि खुफिया मशीनरी को दुरुस्त करना है. शराब कारोबार करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी. शराब होम डिलीवरी ( liquor home delivery) करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी. अगर कहीं से शराब बरामद की जाती है तो वहां के थानाध्यक्ष निलंबित होंगे. जिस इलाके से शराब बरामदगी होगी, वहां वरिष्ठ अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी. मुख्यालय में हर दूसरे दिन समीक्षा होगी. इसकी समीक्षा पुलिस और उत्पाद विभाग के अधिकारी मिलकर करेंगे.

शराब के मामले में सस्पेंड थानाध्यक्ष को 10 साल नहीं मिलेगी थानेदारी
बिहार के डीजीपी एसके सिंघल ने कहा कि शराब के मामले में सस्पेंड थानाध्यक्ष को 10 साल तक थानेदारी नहीं मिलेगी. अब तक ऐसे मामलों में 206 पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया है. 245 पुलिसकर्मियों को सजा दी गई. 654 पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्यवाही चल रही है. 335 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज की गई है. 238 पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी हुई है. पटना जिला पर विशेष नजर रहेगी, जिसको लेकर मुख्यमंत्री ने विशेष निर्देश दिया है.

शराब मिलने पर बॉर्डर ब्लॉक होगा
सिंघल ने कहा कि बॉर्डर इलाके में शराब मिलने पर बॉर्डर ब्लॉक होगा. शराब तस्करी (alcohol smuggling) में शामिल कर्मचारी पर सख्त कार्रवाई होगी. सेंट्रल टीम राज्य भर में छापेमारी करेगी. छापेमारी में शराब बरामद पर SHO सस्पेंड होंगे. मुख्यालय में डीजीपी और अन्य बड़े अफसर लगातार समीक्षा करेंगे. चौकीदार को गांव में शराब की सूचना देनी होगी.
सूचना नहीं देने पर चौकीदार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Advertisement

बिहार में शराबबंदी पर सियासत, नीतीश कुमार बोले- लागू रहेगा बैन

Featured Video Of The Day
Maharashtra Exit Poll: महायुति करेगी वापसी या MVA को मिलेगी सत्ता? | City Center
Topics mentioned in this article