दिल्ली मुख्यमंत्री केजरीवाल पर LG ने लगाए गंभीर आरोप, मुख्य सचिव को लिखा पत्र

उपराज्यपाल द्वारा मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र के अनुसार, आहार निगरानी चार्ट से पता चलता है कि छह जून से 13 जुलाई के बीच मुख्यमंत्री ने दिन में तीन बार आहार के लिए निर्धारित पूरी खुराक का सेवन नहीं किया.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
केजरीवाल ‘टाइप-2’ मधुमेह से पीड़ित हैं. 
नई दिल्ली:

दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने आरोप लगाया है कि न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उन्हें दी जा रही भोजन की चिकित्सकीय खुराक और दवाएं संभवत: जानबूझकर नहीं ले रहे.
उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को लिखे पत्र में केजरीवाल के स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में जेल अधीक्षक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री द्वारा ‘‘जानबूझकर कम कैलोरी लिए जाने'' के कई उदाहरण हैं, जबकि उन्हें घर का बना खाना पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जा रहा है. इस मामले पर आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा कि सक्सेना ने जेल प्राधिकारियों को सुझाव दिया है कि वे मुख्यमंत्री को निर्धारित आहार के अलावा दवा और इंसुलिन की तय खुराक लेने की सलाह दे सकते हैं, क्योंकि केजरीवाल ‘टाइप-2' मधुमेह से पीड़ित हैं. 

"मस्तिष्क को क्षति हो सकती है"

आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसकी अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर जेल में बंद केजरीवाल के स्वास्थ्य को स्थायी नुकसान पहुंचाने की ‘‘साजिश'' रचने का आरोप लगाया है और दावा किया है कि आप प्रमुख का वजन कम हो गया है तथा उनके रक्त शर्करा स्तर में गिरावट आई है.पार्टी ने यह भी दावा किया कि केजरीवाल कोमा में भी जा सकते हैं और उनके मस्तिष्क को भी क्षति हो सकती है, क्योंकि उनका रक्त शर्करा स्तर एक रात में पांच बार 50 मिलीग्राम/डीएल तक गिर गया था.

उपराज्यपाल द्वारा मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र के अनुसार, आहार निगरानी चार्ट से पता चलता है कि छह जून से 13 जुलाई के बीच मुख्यमंत्री ने दिन में तीन बार आहार के लिए निर्धारित पूरी खुराक का सेवन नहीं किया.

पत्र में कहा गया है, ‘‘रिपोर्ट में वजन में कमी (आत्मसमर्पण की तिथि दो जून, 2024 को वजन 63.5 किलोग्राम था लेकिन अब 61.5 किलोग्राम रह गया है) का भी संकेत मिलता है. प्रथम दृष्टया, इसका कारण कम कैलोरी सेवन प्रतीत होता है.'' इसमें कहा गया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि 18 जून को उन्हें इंसुलिन नहीं दिया गया था या जेल प्राधिकारियों ने रिपोर्ट में इसका उल्लेख नहीं किया था.

उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा कि अधिकतर दिनों में ‘ग्लूकोमीटर' जांच की रीडिंग और लगातार ग्लूकोज निगरानी तंत्र (सीजीएमएस) की रीडिंग के बीच भी काफी अंतर हैं. उन्होंने कहा कि दोपहर के भोजन से पहले केजरीवाल की ‘ग्लूकोमीटर रीडिंग' 104 एमजीएल थी, जबकि 19 जून को दोपहर साढ़े 12 बजे दोपहर के भोजन से पहले ‘सीजीएमएस रीडिंग' 82 एमजीएल थी.

Advertisement

उसने कहा, ‘‘ग्लूकोमीटर जांच रीडिंग और सीजीएमएस रीडिंग के बीच स्पष्ट अंतर को सक्षम चिकित्सा अधिकारियों द्वारा सत्यापित किए जाने की आवश्यकता है.'' उपराज्यपाल कार्यालय के अनुसार, मुख्यमंत्री ने छह जुलाई को तीनों समय निर्धारित आहार नहीं लिया और उन्हें नाश्ते से पहले पांच यूनिट इंसुलिन, दोपहर के भोजन से पहले चार यूनिट और रात के खाने से पहले दो यूनिट इंसुलिन दी गईं.

"निर्धारित खुराक नहीं ली गई"

जेल रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया कि सात जुलाई को फिर से निर्धारित खुराक नहीं ली गई और उस दिन नाश्ते से पहले पांच यूनिट और दोपहर के भोजन से पहले चार यूनिट इंसुलिन दी गईं तथा ‘‘मुख्यमंत्री ने रात के खाने से पहले इंसुलिन लेने ने इनकार कर दिया.''

Advertisement
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Cyber Crime: मां-बाप होशियार! क्या आपके बच्चे भी बन सकते हैं “साइबर गुलाम”? | Khabron Ki Khabar