दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना को नया प्रमुख मिल गया है. थल सेना के सह प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी (Upendra Dwivedi) अगले सेना प्रमुख होंगे. लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी मौजूदा सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे (Manoj Pande) से 30 जून को दोपहर बाद पदभार संभालेंगे. जनरल पांडे पहले 31 मई को रिटायर होने वाले थे, लेकिन सरकार ने उनका कार्यकाल 30 जून तक बढ़ा दिया था. मध्यप्रदेश के रीवा के रहने वाले लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी की शुरुआती पढ़ाई सैनिक स्कूल रीवा में हुई. 1 जुलाई 1964 को जन्मे और नेशनल डिफेंस अकादमी के छात्र रहे लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी साल 1984 में सेना की जम्मू कश्मीर रायफल्स की 18 वीं बटालियन में भर्ती हुए थे.
अपने करीब 40 साल के कैरियर में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. थल सेना में सह सेना प्रमुख बनने से पहले लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी सेना के उत्तरी कमान के प्रमुख रह चुके हैं. उत्तरी कमान के 2022- 24 के कार्यकाल के दौरान उन्होंने पूर्वी लद्दाख को लेकर चीन के साथ चल रही बातचीत में अहम भूमिका निभाई.
आतंक विरोधी अभियानों में अहम भूमिका
सेना की उत्तरी कमान का काम चीन से लगती सीमा की सुरक्षा और पाकिस्तान से लगती भारत की सरहद की हिफाजत करना है. साथ ही इसकी जम्मू कश्मीर में आतंकवादी विरोधी अभियानों में भी अहम भूमिका रहती है.
सेना के नए प्रमुख के पास उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं में काम करने का शानदार अनुभव है. उनके पास आतंकवाद के खिलाफ लड़ने का अनुभव तो है ही वहीं उत्तरी पूर्वी राज्यों में उग्रवाद से निपटने के ऑपरेशंस में भी महारत हासिल है.
सेना की आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में रहे शामिल
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी सेना की आधुनिकीकरण प्रक्रिया में शामिल रहे हैं. साथ ही उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के तौर पर सेना में स्वदेशी हथियारों को शामिल कराने में भी अगुवाई की है.
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