चुनावी राजनीति खुशी के साथ छोड़ रहा हूं, कोई अफसोस नहीं: पूर्व मुख्यमंत्री वीरप्पा मोइली

मोइली ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें मंत्री बनाया गया और उन्हें छह विभाग संभालने का अवसर मिला. मोइली ने इसके पहले असम, अविभाजित आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल समेत अन्य राज्यों में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के प्रभारी के रूप में भी कार्य किया.

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बेंगलुरु:

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने बुधवार को कहा कि पार्टी ने उन्हें सबकुछ दिया और चुनावी राजनीति छोड़ने को लेकर उन्हें कोई अफसोस नहीं है. पूर्व केंद्रीय मंत्री आगामी लोकसभा चुनाव में चिकबल्लापुर सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक थे, लेकिन उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया गया. इस सीट से उन्होंने वर्ष 2009 और 2014 के संसदीय चुनावों में जीत हासिल की थी, लेकिन 2019 में हार गए थे.

मोइली (84) ने कहा, ‘‘यह मेरे लिए (चुनावी राजनीति से) संन्यास लेने का एक अच्छा बहाना था.'' उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने इस बात की तरफ इंगित किया कि एम. मल्लिकार्जुन खरगे और सोनिया गांधी जैसे उनके समान वरिष्ठ नेता भी इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, तो उन्होंने इसके प्रति सहमति जताते हुए लोकसभा सीट पर अपना दावा छोड़ने की बात उनसे कही.

मोइली ने चुनावी राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा के एक दिन बाद यहां ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘मैं इस बार चिकबल्लापुर में फिर से जीत जाता.'' उन्होंने रेखांकित किया कि वह टिकट नहीं देने के पार्टी के कदम से निराश नहीं हैं. उन्होंने कहा कि वह हमेशा आलाकमान के फैसलों का पालन करते हैं.

मोइली ने कहा, ‘‘मैं लोगों को यह नहीं दिखाना चाहता कि मैं सत्ता या पद का लालची हूं. मैं पार्टी के लिए काम करना जारी रखूंगा. मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा. मैं पार्टी के लिए काम करना और उसकी सेवा करना जारी रखूंगा.'' उन्होंने विधानसभा चुनाव में छह बार जीत दर्ज करने को याद करते हुए कहा कि उन्हें मंत्री बनाया गया और अहम विभाग सौंपे गये तथा बाद में वह मुख्यमंत्री भी बने.

मोइली ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें मंत्री बनाया गया और उन्हें छह विभाग संभालने का अवसर मिला. मोइली ने इसके पहले असम, अविभाजित आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल समेत अन्य राज्यों में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के प्रभारी के रूप में भी कार्य किया.

मोइली ने कहा, ‘‘मैंने सभी पदों पर काम किया. पार्टी ने मुझे सब कुछ दिया. मैं खुशी के साथ चुनावी राजनीति छोड़ रहा हूं. मुझे किसी तरह का कोई अफसोस नहीं है.''

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उन्होंने कहा कि अहम पदों पर बिठाने और पार्टी मामलों में उन्हें विश्वास में लेने के लिए वह सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, दिवंगत राजीव गांधी और दिवंगत इंदिरा गांधी के प्रति सदैव आभारी रहेंगे. मोइली ने कहा कि वह चिकबल्लापुर, उडुपी-चिकमगलूर और दक्षिण कन्नड़ लोकसभा क्षेत्रों समेत उन सभी सीट पर पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे, जहां पार्टी उनसे कहेगी.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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