सूर्य के अध्ययन के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाने वाला सबसे बड़ा उपकरण इसरो को सौंपा जाएगा

वीईएलसी को औपचारिक रूप से इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ को आईआईए के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में अनुसंधान व प्रौद्योगिकी केंद्र (सीआरईएसटी) परिसर में बृहस्पतिवार को सौंपा जाएगा.

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अंतरिक्ष में भेजा जाने वाला सबसे बड़ा उपकरण इसरो को सौंपा जाएगा.
बेंगलुरु:

भारत में अंतरिक्ष खगोल विज्ञान के विकास में एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए भारतीय तारा भौतिकी संस्थान (आईआईए) ने ‘विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ' (वीईएलसी) निर्मित किया है, जिसे सूर्य के अध्ययन के लिए देश के प्रथम विशेष वैज्ञानिक अभियान ‘आदित्य एल1' के जरिये अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. आदित्य एल1 के जरिये भेजा जाने वाला यह सबसे बड़ा उपकरण है.

इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा इस साल के मध्य में प्रक्षेपित किये जाने की उम्मीद है. वीईएलसी को औपचारिक रूप से इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ को आईआईए के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में अनुसंधान व प्रौद्योगिकी केंद्र (सीआरईएसटी) परिसर में बृहस्पतिवार को सौंपा जाएगा.

आईआईए के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘यह भारत में अंतरिक्ष खगोल विज्ञान के विकास में एक बड़ी उपलब्धि है.''आदित्य एल1 सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के ‘लैगरेंगियन प्वाइंट1' के पास स्थित एक कक्षा से सूर्य का अध्ययन करने का भारत का प्रथम अंतरिक्ष मिशन है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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