लालू यादव ने फिर बताया कि तेजस्वी ही हैं उनके बाद 'नंबर 2', विधायक दल की बैठक में सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

बैठक के बाद भाई वीरेंद्र, उदय नारायण चौधरी समेत अन्य नेताओं ने इस प्रस्ताव के बारे में मीडिया को जानकारी दी. नेताओं की मानें तो ये लालू यादव का फैसला है.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (फाइल फोटो)
पटना:

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के स्थापना काल से राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव हैं, ये तो सब जानते हैं. लेकिन स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद अब धीरे-धीरे लालू महत्वपूर्ण कामकाज का जिम्मा भी उन्हें सार्वजनिक रूप से देते जा रहे हैं. मंगलवार को उन्होंने इसी दिशा में एक और कदम बढ़ाया. दरअसल, मंगलवार की शाम पार्टी विधायक दल की लालू यादव के पटना स्थित आवास पर बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता जैसे शिवानंद तिवारी, अब्दुल बारी सिद्दीक़ी, उदय नारायण चौधरी, बिहार इकाई के अध्यक्ष जगदानंद सिंह, लालू यादव की बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती, राबड़ी देवी और तेज प्रताप यादव उपस्थित थे. 

शिवानंद तिवारी ने की थी मांग

इन नेताओं की उपस्थिति में 'नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पार्टी के सभी नीतिगत फैसले लेंगे' के संबंध में पेश किए गए प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया. बैठक के बाद भाई वीरेंद्र, उदय नारायण चौधरी समेत अन्य नेताओं ने इस प्रस्ताव के बारे में मीडिया को जानकारी दी. नेताओं की मानें तो ये लालू यादव का फैसला है. मालूम हो कि बीते हफ्ते पार्टी नेता शिवानंद तिवारी ने फेसबुक पोस्ट में विधिवत रूप से तेजस्वी को पार्टी की कमान सौंपने की मांग भी की थी. उनकी मांग के बाद ये निर्णय सामने आया है. 

Advertisement

गौरतलब है कि तेजस्वी को बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है, ये पहले ही साफ हो गया था. पार्टी की ओर से बिहार विधान परिषद के उम्मीदवारों के नाम की घोषण के समय जारी किए गए पत्र में तेजस्वी द्वारा उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की बात कही गई थी. पत्र में लिखा गया था, " लालू प्रसाद के परामर्शानुसार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा विधान परिषद के चुनाव के लिए मो. कारी सोहैब, मुन्नी रजक और अशोक कुमार पांडेय को पार्टी की तरफ से उम्मीदवार बनाया गया है.” 

Advertisement
Advertisement

पार्टी नेताओं की मांग का सम्मान 

बता दें कि लालू यादव का ये कदम परिवार और पार्टी दोनों के हित में है. इस फैसले पर भविष्य में परिवार के सदस्य सवाल नहीं उठा पाएंगे क्योंकि फैसला पार्टी के विधायकों और सांसदों की मांग के मद्देनज़र लिया गया.

Advertisement

यह भी पढ़ें -

पिछले तीन साल में मई के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता सबसे खराब दर्ज की गई

श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किये जाने की मांग

Featured Video Of The Day
Arvind Kejriwal Launches ASAP: नकली Vote, Violence... Elections को लेकर क्या-कुछ बोले केजरीवाल
Topics mentioned in this article