देश भर में लगी लोक अदालतों ने एक बार फिर इतिहास रचा है. इस दौरान लाखों मुकदमों का निपटारा किया गया है. नेशनल लीगल सर्विसेज ऑथोरिटी यानी (NALSA)की पहल पर राज्यों, हाईकोर्ट्स, जिला स्तरीय विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से शनिवार को लोक अदालतें लगाई गईं.
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NALSA के मुताबिक, इस दौरान 72.45 लाख मुकदमों की सुनवाई हुई. इनमे से 18 लाख 23 हजार मुकदमे तो अदालत की चौखट पर पहुंचने से पहले ही सुलझा लिए गए. जबकि 10 लाख 76 हजार मुकदमे वर्षों से लंबित पड़े थे. करीब साढ़े 72 लाख मुकदमों में से 29 लाख का तो सर्वसम्मति से निपटारा भी हो गया. यानी लीगल सर्विसेज ऑथोरिटी का ये आयोजन भी अपने मकसद में सफल रहा.
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सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज और NALSA के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन जस्टिस यू यू ललित की देखरेख में ये लोक अदालतें लगाई गईं थीं. NALSA के सदस्य सचिव अशोक जैन के मुताबिक कोविड महामारी के दौरान हालांकि अदालतों में ऑनलाइन सुनवाई हो रही थी लेकिन लंबित मुकदमों की संख्या काफी बढ़ी थी. हालांकि, इस दौरान भी लोक अदालतें लगाई गई थीं. नालसा ने लगातार राज्य स्तरीय विधिक सेवा अधिकरण और अन्य हितधारकों के साथ रिव्यू मीटिंग और अन्य विकल्पों के साथ परामर्श जारी रखा. साल के आखिर में हुए इस लोक अदालतों के आयोजन का नतीजा इस साल में सर्वश्रेष्ठ रहा.
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