देश भर में लगीं लोक अदालतें, एक दिन में लाखों मुकदमों का निपटारा कर रचा इतिहास

NALSA के मुताबिक, इस दौरान 72.45 लाख मुकदमों की सुनवाई हुई. इनमे से 18 लाख 23 हजार मुकदमे तो अदालत की चौखट पर पहुंचने से पहले ही सुलझा लिए गए

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:

देश भर में लगी लोक अदालतों ने एक बार फिर इतिहास रचा है. इस दौरान लाखों मुकदमों का निपटारा किया गया है. नेशनल लीगल सर्विसेज ऑथोरिटी यानी (NALSA)की पहल पर राज्यों, हाईकोर्ट्स, जिला स्तरीय विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से शनिवार को लोक अदालतें लगाई गईं.  

बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, पंजाब ने केंद्र के फैसले को दी चुनौती

NALSA के मुताबिक, इस दौरान 72.45 लाख मुकदमों की सुनवाई हुई. इनमे से 18 लाख 23 हजार मुकदमे तो अदालत की चौखट पर पहुंचने से पहले ही सुलझा लिए गए. जबकि 10 लाख 76 हजार मुकदमे वर्षों से लंबित पड़े थे. करीब साढ़े 72 लाख मुकदमों में से  29 लाख का तो सर्वसम्मति से निपटारा भी हो गया. यानी लीगल सर्विसेज ऑथोरिटी का ये आयोजन भी अपने मकसद में सफल रहा. 
मणिपुर में भाजपा में 'शामिल' हुए 3 विधायकों को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर का फैसला रद्द किया 

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज और NALSA के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन जस्टिस यू यू ललित की देखरेख में ये लोक अदालतें लगाई गईं थीं. NALSA के सदस्य सचिव अशोक जैन के मुताबिक कोविड महामारी के दौरान हालांकि अदालतों में ऑनलाइन सुनवाई हो रही थी लेकिन लंबित मुकदमों की संख्या काफी बढ़ी थी. हालांकि, इस दौरान भी लोक अदालतें लगाई गई थीं. नालसा ने लगातार राज्य स्तरीय विधिक सेवा अधिकरण और अन्य हितधारकों के साथ रिव्यू मीटिंग और अन्य विकल्पों के साथ परामर्श जारी रखा. साल के आखिर में हुए इस लोक अदालतों के आयोजन का नतीजा इस साल में सर्वश्रेष्ठ रहा.  

BSF के अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के केंद्र के फैसले को चुनौती, सुप्रीम कोर्ट पहुंची पंजाब सरकार

Featured Video Of The Day
Firozabad Mazar Controversy: Shikohabad में मजार तोड़कर रखी हनुमान मूर्ति, इलाके में तनाव!
Topics mentioned in this article