2021 में किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुर खीरी में हुए विवाद मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की अंतरिम जमानत को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अगली सुनवाई तक बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट में आशीष मिश्रा ने नियमित जमानत को लेकर एक याचिका दायर की थी और इसी की सुनवाई चल रही है. मामले की सुनवाई के दौरान वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि उनके पास जानकारी है कि आशीष मिश्रा ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन करते हुए यूपी में जाकर ट्राई साइकिल लोगो को बांटी हैं और उनके पास इसका सबूत भी है.
वकील प्रशांत भूषण की इस दलील का आशीष मिश्रा के वकील ने विरोध किया. उन्होंने कहा कि इन आरोपों में सच्चाई नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आशीष मिश्रा ने अगर जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है तो यह गम्भीर मामला है. सुप्रीम कोर्ट ने वकील प्रशांत भूषण से इस मामले में हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यूपी ट्रायल जज ने 20 अप्रैल की रिपोर्ट भेजी है उसका अवलोकन किया गया है.
ट्रायल कोर्ट के जज द्वारा कठिनाई व्यक्त की गई है क्योंकि दो गवाहों ने कहा है कि वे खराब स्वास्थ्य के कारण गवाही देने को तैयार नहीं हैं और सरकारी वकील ने बाद में ट्रायल कोर्ट के साथ सहयोग नहीं किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकारी वकील और पुलिस को गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है ताकि ट्रायल कोर्ट का समय बर्बाद न हो. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में ट्रायल चलाने में तेजी लाने के लिए भी कहा है. सुप्रीम कोर्ट 4 हफ्ते के बाद अब इस मामले की सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा ऊर्फ मोनू को शर्तों के साथ अंतरिम जमानत दी है.