एयर इंडिया एक्सप्रेस की लेबर कमिश्नर ने की आलोचना, कुप्रबंधन का लगाया आरोप

एयर इंडिया एक्सप्रेस के 300 वरिष्ठ केबिन क्रू सदस्यों के अंतिम समय में बीमार होने की सूचना देने और अपने मोबाइल फोन बंद करने के बाद मंगलवार रात से 90 से अधिक उड़ानें रद्द कर की गईं.

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एयर इंडिया एक्सप्रेस किसी भी लेबर यूनियन को वैध नहीं मानता है.
नई दिल्ली:

टाटा ग्रुप की एयरलाइन एयर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) के कर्मचारियों के एक गुट और मैनेजमेंट के बीच विवाद बढ़ने से करीब एक सप्ताह पहले रीजनल लेबर कमिश्नर ने एयरलाइन को लिखा था कि शिकायतें वास्तविक थीं और मानव संसाधन विभाग (HR) ने सुलह अधिकारी को गुमराह करने का प्रयास किया था. इस विवाद के चलते मंगलवार की रात से 90 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गईं.

मंगलवार की रात में एयर इंडिया एक्सप्रेस के 300 वरिष्ठ केबिन क्रू सदस्यों ने अंतिम वक्त में बीमार होने की सूचना दी और अपने मोबाइल फोन बंद कर दिए. इन हालात में 90 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गईं और कई यात्री फंसे रहे. एयर इंडिया एक्सप्रेस एम्पलाइज यूनियन (AIXEU) ने भी मैनेजमेंट को लिखा और "कमिटमेंट से परे हटने की बात पर प्रकाश डाला." टाटा (TATA) ग्रुप ने जनवरी 2022 में सरकार द्वारा संचालित इस एयरलाइन का अधिग्रहण किया था.

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एयर इंडिया एक्सप्रेस के सूत्रों ने NDTV को बताया कि वह AIXEU या किसी अन्य लेबर यूनियन को वैध नहीं मानता है.

नई दिल्ली में रीजनल लेबर कमिश्नर अशोक पेरुमल्ला ने तीन मई को एयर इंडिया के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन और अन्य को एक ई-मेल भेजा था. इसमें उन्होंने "श्रम कानूनों के घोर उल्लंघन" की ओर इशारा किया था. ईमेल की एक कॉपी एनडीटीवी के पास है. 

यूनियन की चिंताओं को वास्तविक बताते हुए पेरुमल्ला ने लिखा- "एयर इंडिया एक्सप्रेस के मैनेजमेंट ने किसी भी सुलह की कार्यवाही के लिए किसी भी फैसला लेने वाले जिम्मेदार व्यक्ति को नहीं भेजा है. कुप्रबंधन और साफ तौर पर लेबर लॉ का घोर उल्लंघन है."

अधिकारी ने कहा- "एचआर डिपार्टमेंट ने गलत जानकारी और कानूनी प्रावधानों की मूर्खतापूर्ण व्याख्या के साथ सुलह अधिकारी को गुमराह करने की कोशिश की."

पेरुमल्ला ने "सामंजस्यपूर्ण औद्योगिक संबंध" बनाए रखने के लिए कर्मचारियों की शिकायतों और एचआर डिपार्टमेंट के कामकाज की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति के गठन का सुझाव दिया. उन्होंने सुधारा के लिए कदम उठाने का भी आह्वान किया.

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मौजूदा विवाद कर्मचारियों के लिए नए मेरिट-बेस्ड एसेसमेंट सिस्टम को लेकर उपजा है. कर्मचारी यूनियन ने एयरलाइन पर कुप्रबंधन और कर्मचारियों के साथ व्यवहार में असमानता का भी आरोप लगाया है.

एयर इंडिया का रुख

एयर इंडिया एक्सप्रेस के सूत्रों ने कहा कि एयरलाइन किसी भी लेबर यूनियन को मान्यता नहीं देती है. विरोध करने वाले क्रू मेंबर्स से बात करने और गतिरोध तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.

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एयर इंडिया एक्सप्रेस के एक प्रवक्ता ने कहा- "हमारे केबिन क्रू के एक गुट ने कल रात में अंतिम मिनट में बीमार होने की सूचना दी. इसके नतीजे में उड़ान में देरी हुई और रद्द कर दी गई. जबकि हम इन घटनाओं के पीछे के कारणों को समझने के लिए क्रू के साथ बातचीत कर रहे हैं. हमारी टीमें इसके कारण हमारे मेहमानों को होने वाली किसी भी असुविधा को कम करने के लिए इस मुद्दे को सक्रियता से सुलझाने में लगी हैं."

एयरलाइन के प्रवक्ता ने कहा- "हम इस अप्रत्याशित बाधा के लिए अपने अतिथियों से ईमानदारी से माफी मांगते हैं और इस बात पर जोर देते हैं कि यह हालात सेवा के उस मानक को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं जिसे हम प्रदान करने का प्रयास करते हैं. कैंसिलेशन से प्रभावित मेहमानों को पूरी राशि वापस की जाएगी या किसी अन्य तारीख के लिए काम्पलीमेंट्री रीशेड्यूलिंग का ऑफर दिया जाएगा."

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