कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में एक ट्रेनी चिकित्सक के साथ रेप और उसकी हत्या के मामले के मुख्य आरोपी संजय राॉय और 6 अन्य का ‘पॉलीग्राफ टेस्ट' आज से शुरू होगा. पॉलीग्राफ टेस्ट' के दौरान व्यक्ति द्वारा प्रश्नों के उत्तर दिए जाते समय एक मशीन की मदद से उसकी शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापा जाता है और यह पता लगाया जाता है कि वह सच बोल रहा है या झूठ.
संजय रॉय का तकनीकी कारणों से शनिवार को पॉलीग्राफी टेस्ट पूरा नहीं हो सका. जानकारी के अनुसार मुख्य आरोपी संजय रॉय का ‘पॉलीग्राफ टेस्ट' उस जेल में ही किया जाएगा, जहां वह बंद है. CBI मुख्य आरोपी संजय रॉय के दिमाग को डिकोड करने की कोशिश करेगी. पॉलीग्राफ टेस्ट को ही लाई डिटेक्टर टेस्ट कहा जाता है, जिसमें मशीन का सहारा लिया जाता है. इस मामले में कुछ जानकारियां सामने आई हैं. इनके मुताबिक, चार डॉक्टरों का भी पॉलीग्राफ टेस्ट किया किया जा रहा है.
संजय रॉय पर मेडिकल छात्रा के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोप है. उसे शराब और पॉर्न देखने का लत थी. उसकी पत्नी का कैंसर की वजह से निधन हो गया था. उसकी मां ने मीडिया के सामने आकर बताया कि रॉय की पत्नी को कैंसर था. उसने अपनी पत्नी को बचाने के लिए सारा पैसा लगा दिया, लेकिन वह नहीं बच पाई.
क्या होता है पॉलीग्राफ टेस्ट
दरअसल, पॉलीग्राफ मशीन को आरोपी के शरीर के साथ अटैच किया जाता है और इसके सेंसर्स से आ रहे सिग्नल को एक मूविंग पेपर (ग्राफ) पर रिकॉर्ड किया जाता है. इसी के जरिए पता लगाया जाता है कि वह व्यक्ति सच बोल रहा है या झूठ. इस दौरान उसके बीपी से लेकर हृदय के धड़कन तक की सघन गणना की जाती है. इस प्रक्रिया में आरोपी को कोई इंजेक्शन नहीं दिया जाता है. आरोपी का यह टेस्ट पूरे होशोहवास में होता है.
क्या है पूरा मामला
ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त की सुबह अस्पताल के सेमिनार हॉल के अंदर पाया गया था और संजय रॉय को अगले दिन अरेस्ट कर लिया गया था.कलकत्ता हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई को देने का आदेश दिया था. सीबीआई ने 14 अगस्त को मामले की जांच शुरू की थी.
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