कोलकाता गैंगरेप केस: मनोजीत को बचाने के लिए वकील ने कोर्ट में दी क्या सबसे बड़ी दलील?

Kolkata Gangrape Case: मनोजीत के वकील ने कोर्ट से अपील करते हुए कहा कि आरोप साबित होने से पहले कोई ‘मीडिया ट्रायल’ न हो और इस प्रक्रिया में अभियुक्त को परेशान न किया जाए. पुलिस की पूछताछ के दौरान उनको वहां मौजूद रहने की परमिशन दी जाए.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
मनोजीत को बचाने के लिए वकील की दलील.
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • कोलकाता गैंगरेप के तीन आरोपियों की पुलिस हिरासत बढ़ाकर 8 जुलाई तक कर दी है.
  • मुख्य संदिग्ध मनोजीत मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी को गिरफ्तार किया गया है.
  • गैंगरेप की घटना 25 जून को साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में हुई थी.
  • वकील ने कहा कि आरोपी जमानत के लिए अर्जी नहीं देंगे और जांच में सहयोग करेंगे.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
कोलकाता:

कोलकाता लॉ स्टूडेंट से गैंगरेप मामले (Kolkata Rape Case) में अलीपुर  कोर्ट ने गिरफ्तार तीन आरोपियों की पुलिस हिरासत बढ़ाकर 8 जुलाई तक कर दी है. इन तीनों में मुख्य संदिग्ध मनोजीत मिश्रा और दो अन्य छात्र जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी शामिल हैं. मनोजीत ‘साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज' का पूर्व छात्र और अस्थायी कर्मचारी था.  इसी कॉलेज में 25 जून की शाम को गैंगरेप की घटना घटी थी. तीन आरोपियों को गुरुवार को गिरफ्तार कर अगले दिन अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें शुरू में चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था. अब उनकी हिरासत 8 जुलाई तक बढ़ा दी गई है.  वहीं कॉलेज के सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी की पुलिस हिरासत 4 जुलाई तक बढ़ाई गई है.  इस दौरान अदालत में दोनों पक्षों के वकीलों ने जमकर दलीलें दीं. मनोजीत के वकील ने उसे बचाने के लिए क्या कुछ कहा, जानें.

ये भी पढ़ें- पीड़िता ने गिड़गिड़ाकर मांगा इन्हेलर, मोनोजीत की नीयत में थी दरिंदगी... कोर्ट में आज हुए कई खुलासे

लॉ स्टूडेंट रेप मामला एक साजिश

मोनोजीत, जेब और प्रमीत के वकील ने कोर्ट में कहा कि तीनों आरोपी फिलहाल जमानत की अर्जी नहीं दे रहे हैं और जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं. तीनों सच्चाई सामने लाने में मदद करने के इच्छुक हैं. जांच अधिकारी  खुद कह चुके हैं कि सारे जरूरी सबूत इकट्ठा कर लिए गए हैं और उन्हें फॉरेंसिक लैब  भेजा जा चुका है. आरोपियों को अभी दोषी साबित नहीं किया गया है. उनके वकील ने कहा कि आरोपियों के फोन जब्त कर लिए गए हैं तो क्या पीड़िता का मोबाइल फोन जब्त किया गया है. क्या पुलिस ने उसके कॉल डिटेल रिकॉर्ड जुटाए हैं. मनोजीत समेत आरोपियों के वकील ने मामले को साजिश करार दिया.

आरोप साबित होने से पहले  ‘मीडिया ट्रायल' न हो

उन्होंने अदालत से यह भी सुनिश्चित करने की अपील की कि आरोप साबित होने से पहले कोई ‘मीडिया ट्रायल' न हो और इस प्रक्रिया में अभियुक्त को परेशान न किया जाए. वकील ने आरोपियों के साथ अपराध स्थल पर जाने और पुलिस की पूछताछ के दौरान भी वहां मौजीद रहने की परमिशन कोर्ट से मांगी. 

सरकारी वकील ने क्या कहा, जानें

सरकारी वकील ने कोर्ट से कहा कि मेडिकल और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों के जरिए पीड़िता के आरोपों की पुष्टि हो रही है.उन्होंने कहा कि पहले पीड़िता के साथ हैवानियत की गई. जब उसकी तबीयत खराब हुई तो उसे इनहेलर दिया गया.इनहेलर इसलिए नहीं दिया गया कि वह ठीक हो जाए, बल्कि इसलिए कि जैसे ही वह ठीक हो, फिर से उसके साथ दरिंदगी की जा सके. सरकारी वकील ने कोर्ट से आरोपियों की 10 दिन की पुलिस कस्टडी की मांग करते हुए कहा था कि जांच अभी अधूरी है, कई और पहलुओं की जांच की जानी बाकी है. 
 

Featured Video Of The Day
Trump-Putin Meet In Alaska: ट्रंप-पुतिन की मुलाकात भारत के लिए इतनी अहम क्यों? | Super Exclusive