‘पृथ्वी विज्ञान‘ मंत्री किरेन रिजीजू का सबसे महत्वपूर्ण काम होगा ‘समुद्रयान‘ परियोजना का परीक्षण

‘गहरे समुद्र मिशन‘ के हिस्से के तहत ‘समुद्रयान‘ का गहरे समुद्र में पहला परीक्षण अगले साल की शुरुआत में होने की संभावना है. अगले साल पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय तीन लोगों को 500 मीटर की उथली गहराई में भेजने की योजना बना रहा है. 

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किरेन रिजीजू को पृथ्वी विज्ञान मंत्री बनाया गया है. (फाइल)
नई दिल्ली:

नवनियुक्त ‘पृथ्वी विज्ञान‘ मंत्री किरेन रिजीजू के नए मंत्रालय का प्रभार संभालने के साथ ही उनके लिए एक बेहद महत्वपूर्ण काम पहले से ही तय है. उनकी मुख्य जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘समुद्रयान‘ के कार्यान्वयन की निगरानी करना होगा. इस परियोजना में गहरे समुद्र के भीतर तीन लोगों को 6,000 मीटर की गहराई तक सफलतापूर्वक ले जाने की योजना है. 

‘गहरे समुद्र मिशन‘ के हिस्से के तहत ‘समुद्रयान‘ का गहरे समुद्र में पहला परीक्षण अगले साल की शुरुआत में होने की संभावना है. अगले साल पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय तीन लोगों को 500 मीटर की उथली गहराई में भेजने की योजना बना रहा है. 

रिजीजू को बृहस्पतिवार को पृथ्वी विज्ञान मंत्री बनाया गया. वह शुक्रवार को मौजूदा मंत्री जितेंद्र सिंह से मंत्रालय का प्रभार ग्रहण करेंगे. 

प्रधानमंत्री मोदी ने 2021 और 2022 में अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में ‘गहरे समुद्र मिशन‘ का जिक्र किया था, जिससे अंतरिक्ष के साथ-साथ महासागरों की गहराई में शोधकर्ताओं के लिए रास्ते खुल गए. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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