'द्विवेदी, त्रिवेदी, चतुर्वेदी' पर खरगे-धनखड़ में हो गई मजेदार चर्चा

जवाब देते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि नहीं-नहीं वैसे तो मैं जानता हूं कि वो कौन होते हैं. उन्होंने कहा, "जिसने दो वेद पढ़े हैं वो द्विवेदी, जिसने तीन वेद पढ़े हैं वो त्रिवेदी और जिसने चार वेद पढ़े हैं तो चतुर्वेदी होता है"

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नई दिल्ली:

संसद में सोमवार को एक बार फिर सदन की कार्यवाही शुरु हो चुकी है. इस दौरान अपनी बात रखते हुए मल्लिकार्जुन खरगे और सभापति जगदीप धनखड़ के बीच द्विवेदी, त्रिवेदी और चतुर्वेदी को लेकर मजेदार चर्चा भी हुई. दरअसल, खरगे अपनी बात रख ही रहे थे कि वो बोल पड़े कि मैं द्विवेदी, त्रिवेदी और चतुर्वेदी में अब भी कन्फ्यूज हो जाता है क्योंकि ये सब मेरे लिए अभी भी नया है. तभी बीच में जगदीप धनखड़ ने कहा कि हम इस पर आधे घंटा बात कर सकते हैं. 

इस पर जवाब देते हुए खरगे ने कहा कि नहीं-नहीं वैसे तो मैं जानता हूं कि वो कौन होते हैं. उन्होंने कहा, "जिसने दो वेद पढ़े हैं वो द्विवेदी, जिसने तीन वेद पढ़े हैं वो त्रिवेदी और जिसने चार वेद पढ़े हैं तो चतुर्वेदी होता है" और इस पर सदन में मौजूद सभी लोग हंसने लगे.

खरगे बोले- मेरे पैर में दर्द है.. 'जज्बे' वाली बात पर गूंजे ठहाके

इससे पहले अपनी बात रखते हुए जब खरगे सदन में खड़े हुए थे तो उन्होंने कहा था कि पैर में दर्द होने के कारण वह अधिक वक्त तक खड़े नहीं रह पाएंगे. तभी उनकी सहायता के लिए जगदीप धनखड़ ने कहा कि अगर आपको बहुत अधिक दर्द है तो आप बैठ कर भी अपनी बात रख सकते हैं. हालांकि, खरगे ने कहा कि बैठकर उन्हें वो जज्बा महसूस नहीं होता है, जो खड़े होकर बात करने में होता है और तभी संसद में सभी सदस्य ठहाके लगाने लगे. 

खरगे- प्रधानमंत्री ने छाती ठोककर कहा था एक अकेला सब पर भारी

संसद में खरगे ने कहा, पीएम मोदी ने कहा था छाती ठोककर कहा था कि एक अकेला सब पर भारी और उन्होंने आगे कहा कि मैं ये पूछना चाहता हूं कि आज एक अकेले पर कितने लोग भारी हैं. इस दौरान पीछे से सभी लोग मोदी-मोदी के नारे लगाते हुए भी नजर आए.

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