भारत में अमेरिकी दूत एरिक गार्सेटी ने एनडीटीवी को बताया कि खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू का मुद्दा भारत-अमेरिका संबंधों को प्रभावित नहीं करेगा. उन्होंने कहा, "मैं कहूंगा... दूतावास में हर दिन, विदेश मंत्रालय में हर दिन, वाशिंगटन में भारतीय दूतावास में हमारा काम थोड़ा भी धीमा नहीं हुआ है.
एरिक गार्सेटी ने कहा कि भारत-अमेरिका के बीचे अच्छे संबंध है. हमें यह रिश्ता चाहिए और हमारे पास यह रिश्ता है. हम यह भी जानते हैं कि हमें इस बात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि जब लोग कानूनी व्यवहार की सीमा पार करते हैं तो वे क्या करते हैं. स्रोत कोई भी हो, जवाबदेही होनी चाहिए. लोग जो कहते हैं वह परेशान करने वाला हो सकता है.
अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग की एक रिपोर्ट पर हालिया विवाद के बारे में पूछे जाने पर, गार्सेटी ने यह भी कहा कि लोकतंत्र और विविध आबादी को प्रबंधन करना कठिन हैं. लेकिन उनके बिना रहना कोई विकल्प नहीं है.
एरिक गार्सेटी ने कहा कि मैं जानता हूं कि अमेरिका और भारत हमारे दोनों देशों की विविधता को लेकर प्रतिबद्ध हैं. चाहे वह धार्मिक, सांस्कृतिक या भाषाई हो, और यह दिखाते हैं कि हम लोकतंत्र में रहते हैं, तानाशाही में नहीं, जहां हम न केवल उन अच्छे क्षणों के बारे में बात करने के लिए स्वतंत्र हैं , आवश्यकता पड़ने पर आलोचना भी करते हैं.
पिछले साल नवंबर में, अमेरिकी न्याय विभाग ने अमेरिका स्थित सिख अलगाववादी पन्नून की हत्या की एक विफल साजिश का आरोप लगाया था. विदेश विभाग ने आरोप लगाया था कि भारत इस साजिश में शामिल था और एक भारतीय सरकारी कर्मचारी पर साजिश का हिस्सा होने का आरोप लगाया था.
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