केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस (Nipah Virus) एक बार फिर से डरा रहा है. इस वायस के बढ़ते मामलों के बीच गुरुवार 14 सितंबर को सभी स्कूल-कॉलेज दो दिनों के लिए बंद रखने का आदेश जारी किया गया है. यहां निपाह वायरस से दो लोगों की मौत हो चुकी है. एक 9 साल का बच्चा आईसीयू में है. निपाह वायरस के बढ़ते मामलों के बीच NDTV ने केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया (Health Minister Mansukh Mandaviya) से खास बातचीत की.
इस दौरान मांडविया ने कहा, "कोविड के बाद दुनिया में हेल्थ फोकस में रहा है. हमारी तीन प्राथमिकताएं थी. एक मेडिकल काउंटर भेजे. हेल्थ को लेकर लोगों को जागरूक करें और जीनोम सीक्वेंसिंग पर फोकस करे." उन्होंने बताया, गुरुवार को सेंट्रल हेल्थ टीम केरल के कोझिकोड पहुंची है. ये टीम जिला प्रशासन के साथ निपाह वायरस को लेकर बैठक करेगी.
केरल में निपाह के अब तक पांच मामले सामने आ चुके हैं. गुरुवार को सेंट्रल हेल्थ टीम केरल के कोझिकोड पहुंची है. ये टीम जिला प्रशासन के साथ निपाह वायरस को लेकर बैठक करेगी. मांडविया ने कहा, "केरल के इलाकों में जीनोम सीक्वेंसिंग की तैयारी भी की जा रही है."
उन्होंने कहा, "कोविड संकट ने हमें बहुत कुछ सिखाया है. हमने उससे बहुत कुछ सीखा भी है. हमारी क्या-क्या कमजोरियां हैं, हमने उसे समझा और सुधार की कोशिश कर रहे हैं. हमने सर्विलांस सिस्टम को रोबस्ट किया है. आज एक गांव में कौन सी बीमारी चल रही है, उसका चैनल सर्विलांस करके रिपोर्ट हमारे कमांडिंग सेंटर में आ जाती है. इसके हिसाब से एक्शन प्लान तैयार किया जाता है."
क्या नॉर्थ इंडिया में भी इसी तरह का सिस्टम है? इस सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "देश में सभी हिस्सों, जिलों और ब्लॉक लेवल पर हमने कोविड संकट से सीखा कि हमें क्या करने की जरूरत है. किन चीजों को दुरुस्त करने की जरूरत है.. हमने उन्हीं चीजों पर फोकस किया. हमने आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन चलाया. इसमें 64 हजार करोड़ का खर्च आया. यानी की एक जिले में औसतन 100 करोड़ रुपये का खर्च होना है. इस खर्चे से हम ब्लॉक स्तर से जिला स्तर, क्षेत्रीय स्तर से राज्य स्तर और केंद्रीय स्तर पर एक लैबोरेटरी की सीरीज तैयार कर रहे हैं. इसके तहत ब्लॉक स्तर पर भी एक सरकारी लैब की व्यवस्था की गई है. सरकारी लैब में मुफ्त टेस्टिंग की जाती है."
मांडविया ने बताया कि अब तक आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी 60 करोड़ हैं. उसमें से 24 करोड़ को आयुष्मान हेल्थ कार्ड दे दिया गया है. एक कार्ड 70 फीसदी परिवार को कवर करता है. हमारी सरकार ने हेल्थ के लिए एक अलग मॉडल बनाया है. हमारे लिए हेल्थ कोई कॉमर्स नहीं है, बल्कि ये एक सेवा है. सेवा पखवाड़ा में हमने अपेक्षा रखी है कि लोग सेवा के काम से जुड़ें.
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