भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने शुक्रवार को केरल की वाम सरकार पर ‘‘इस्लामिक आतंकवाद को बढ़ावा देने'' का आरोप लगाते हुए दावा किया कि राज्य इसकी ‘‘जन्मस्थली'' बन गया है. भाजपा प्रमुख ने एक रैली को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाली वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार हमेशा यह दिखावा करती है कि वे समाज के हर वर्ग के साथ समान व्यवहार करते हैं लेकिन उनकी नीति ‘‘छद्म धर्मनिरपेक्षता'' है- समाज के एक वर्ग के साथ विशेष व्यवहार करें और दूसरे वर्ग को विभाजित करने का प्रयास करें.
हालांकि, नड्डा ने वाम सरकार की महत्वाकांक्षी सेमी-हाई स्पीड के-रेल परियोजना ‘सिल्वरलाइन' के बारे में कुछ भी नहीं कहा जिसके खिलाफ भाजपा राज्य में व्यापक विरोध प्रदर्शन कर रही है.भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया, ‘‘वह (एलडीएफ सरकार) तटस्थ होने का दिखावा करती है लेकिन यहां मैं कहना चाहूंगा कि वह इस्लामिक आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है. इस्लामिक आतंकवाद को माकपा सरकार का संरक्षण मिल रहा है और केरल इस्लामिक आतंकवाद की जन्म स्थली बन गया है.''
उन्होंने आरोप लगाया कि धार्मिक समुदाय, विशेष रूप से केरल का ईसाई समुदाय राज्य में हो रहे जनसांख्यिकीय परिवर्तन के बारे में चिंतित है. नड्डा ने कहा, ‘‘मैं आपके साथ यह भी साझा करना चाहूंगा कि केरल का समाज बड़े पैमाने पर असहज है, केरल का समाज तेजी से हो रहे जनसांख्यिकीय परिवर्तनों के कारण असहज और परेशान है. विशेष रूप से ईसाई समुदाय के धार्मिक नेता इस तरह के मुद्दों को बार-बार उठाते रहे हैं.''
भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया, ‘‘हमें यह समझना होगा कि धार्मिक समुदाय और खासकर ईसाई समुदाय जनसांख्यिकीय परिवर्तन के मुद्दों को क्यों उठा रहा है, जो समाज में हुआ है. ईसाई समुदाय और धार्मिक नेताओं द्वारा ‘नारकोटिक्स जिहाद' की चिंताओं को भी उठाया गया है.'' नड्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के नेतृत्व में केरल अब ऐसी स्थिति में है जहां वामपंथी सभी के साथ समान व्यवहार करने की बात करते हैं लेकिन धार्मिक समुदाय के बीच यह भावना है कि वे कुछ वर्गों का समर्थन कर रहे हैं तथा बांटो और राज करो की नीति का पालन कर रहे हैं.
भाजपा प्रमुख ने आरोप लगाया, ‘‘उनकी (एलडीएफ सरकार) नीति छद्म धर्मनिरपेक्षता है. नीति समाज के एक वर्ग को विशेष तवज्जो देना और दूसरे वर्ग को बांटने का प्रयास करना है.'' नड्डा ने पिछले 15 वर्षों में केरल में हुई राजनीतिक हत्याओं का भी जिक्र किया और आरोप लगाया कि राज्य में हिंसा में भारी वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा, ‘‘2016 में, 55 राजनीतिक हत्याएं हुईं. कन्नूर जिले में 12 घटनाएं हुईं जो मुख्यमंत्री का गृह जिला है. राज्य में हिंसा, हत्या और संगठित हत्या की घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है. केरल में पिछले तीन सालों में 1,019 हत्याएं हुई हैं. एलडीएफ के शासन में राज्य में अराजकता और भ्रष्टाचार बढ़ा है.'' नड्डा ने केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लोगों के कल्याण के लिए शुरू की गई विभिन्न योजनाओं का भी उल्लेख किया.
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