केरल उच्च न्यायालय ने धार्मिक स्थानों में बेवक्त पटाखे फोड़ने पर लगाया प्रतिबंध

न्यायाधीश ने आदेश में कहा, ‘‘इसलिए मैं कोचीन और अन्य जिलों के पुलिस आयुक्त की सहायता से उप जिलाधिकारियों को सभी धार्मिक स्थानों पर छापेमारी करने और सभी धार्मिक स्थानों में अवैध रूप से भंडारित पटाखों को कब्जे में लेने का निर्देश देता हूं.’’

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प्रतीकात्मक तस्वीर

कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि बेवक्त धार्मिक स्थलों पर कोई पटाखे नहीं फोड़े जाएंगे, क्योंकि किसी भी पवित्र ग्रंथ में भगवान को प्रसन्न करने के लिए पटाखे फोड़ने का कोई आदेश नहीं है. पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाते हुए न्यायमूर्ति अमित रावल ने राज्य के सभी जिलों के पुलिस प्रमुखों को धार्मिक स्थानों पर छापेमारी करने और ‘‘अवैध रूप से भंडारित पटाखों'' को जब्त करने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति रावल ने कहा कि अदालत के आदेश का उल्लंघन करने पर अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाएगी.

न्यायाधीश ने आदेश में कहा, ‘‘इसलिए मैं कोचीन और अन्य जिलों के पुलिस आयुक्त की सहायता से उप जिलाधिकारियों को सभी धार्मिक स्थानों पर छापेमारी करने और सभी धार्मिक स्थानों में अवैध रूप से भंडारित पटाखों को कब्जे में लेने का निर्देश देता हूं.''

अदालत ने कहा, ‘‘बेवक्त पर धार्मिक स्थानों पर पटाखे नहीं फोड़े जाएंगे, क्योंकि किसी भी पवित्र ग्रंथ में भगवान को प्रसन्न करने के लिए पटाखे फोड़ने का कोई आदेश नहीं है.'' याचिकाकर्ताओं ने केरल में स्थित सभी धार्मिक स्थलों पर पटाखे फोड़ने से रोकने के लिए अदालत से हस्तक्षेप का अनुरोध किया. अदालत ने राज्य सरकार को मामले पर एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया और इसे 24 नवंबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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