कश्मीरी पंडित की हत्या के बाद जम्मू-कश्मीर में रातभर हुए विरोध-प्रदर्शन

विरोध-प्रदर्शन कर रहे समुदाय के लोगों ने उन ट्रांजिट कैम्पों को छोड़ दिया, जहां वे 1990 से उग्रवाद की लहर के दौरान अपने पलायन के बाद से रह रहे थे. प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उनलोगों ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार उन्हें सुरक्षा देने में विफल रही है.

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राहुल भट चादूरा के तहसील कार्यालय में प्रवासी कश्मीरी पंडितों के रोजगार के लिए दिए गए विशेष पैकेज के तहत तैनात थे.
श्रीनगर:

जम्मू कश्मीर (Jammu-Kashmir)  के बडगाम जिले में कल (बृहस्पतिवार, 12 मई) को एक कश्मीरी पंडित कर्मचारी की आतंकवादियों ने सरकारी दफ्तर में गोली मारकर हत्या कर दी थी. उसके बाद कल दिनभर उनके घर पर शोक जताने वालों का तांता लगा रहा. इतना ही नहीं कल रात भर इस हत्या के विरोध में राज्य केअलग-अलग हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन होते रहे. मृतक के परिजनों और रिश्तेदारों ने इस घटना की जांच की मांग की है. कश्मीरी पंडितों ने 36 वर्षीय शख्स की हत्या का हवाला देते हुए राज्य में कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा की मांग की.

विरोध-प्रदर्शन कर रहे समुदाय के लोगों ने उन ट्रांजिट कैम्पों को छोड़ दिया, जहां वे 1990 से उग्रवाद की लहर के दौरान अपने पलायन के बाद से रह रहे थे. प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उनलोगों ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार उन्हें सुरक्षा देने में विफल रही है.

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बता दें कि कल आतंकवादियों ने चडूरा शहर में तहसील कार्यालय के भीतर घुसकर राहुल भट नामक क्लर्क की गोली मारकर हत्या कर दी थी. भट को प्रवासियों के लिए विशेष नियोजन पैकेज के तहत 2010-11 में सरकारी नौकरी मिली थी.

मृतक के पिता बिटा भट ने जम्मू के बाहरी इलाके में दुर्गानगर स्थित अपने आवास पर कहा, ‘‘उसका (उनके बेटे का) शव तुरंत वापस किया जाना चाहिए और इस हत्या में शामिल अपराधियों की पहचान करने के लिए जांच के आदेश दिए जाएं.''

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राहुल भट (36) चादूरा के तहसील कार्यालय में प्रवासी कश्मीरी पंडितों के रोजगार के लिए दिए गए विशेष पैकेज के तहत तैनात थे. गोली लगने के बाद उन्हें तुरंत श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई. अधिकारियों ने बताया कि शाम करीब 4 बजकर 30 मिनट पर लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी तहसील कार्यालय में दाखिल हुए और भट को गोली मार दी. उस समय कार्यालय कर्मचारियों से भरा हुआ था. उन्होंने कहा कि भट बडगाम के शेखपुरा स्थित प्रवासी कॉलोनी में रहते थे और आठ साल से सरकारी सेवा में थे.

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