कर्नाटक: नाइट कर्फ्यू के कारण बेमजा नए साल का जश्‍न, बुकिंग कैंसिल कर रहे होटल-रेस्‍टोरेंट्स

मैसूर के साथ-साथ राजधानी बेंगलुरू में भी नाइट कर्फ्यू  की वजह से नए साल के मौके पर होने वाली पार्टियां रद्द करनी पड़ी है, इसका सबसे ज्‍यादा असर होटल-रेस्‍टोरेंट्स पर पड़ा है.

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प्रतीकात्‍मक फोटो

बेंगलुरु:

कर्नाटक में रात 10 बजे से लगाए जा रहे नाइट कर्फ्यू का असर होटल और रेस्टोरेंट पर काफी होता दिख रहा है. होटल और रिसॉर्ट्स एडवांस बुकिंग कैंसिल कर  रहे हैं.उधर,  मैसूर में रात के कर्फ्यू का पालन करवाने के लिए घुड़सवार पुलिस सड़कों पर गश्त करती नजर आई क्योंकि राज्य में अब संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कोरोना के बढ़ते मामलों और नाइट कर्फ्यू के कारण नए साल के जश्न के लिए सजा-संवरा मैसूर मानो कहीं खो गया है. रात 10 बजे से पहले ही पुलिस कमिश्नर चन्द्रगुप्त घुड़सवार पुलिस के साथ गश्त पर पहुंच जाते है ताकि कर्फ्यू का प्लान सही ढंग से हो. बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में मैसूर, राज्य के सबसे संक्रमित शहरों में से एक था.

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मैसूर के साथ-साथ राजधानी बेंगलुरू में भी नाइट कर्फ्यू  की वजह से नए साल के मौके पर होने वाली पार्टियां रद्द करनी पड़ी है, इसका सबसे ज्‍यादा असर होटल-रेस्‍टोरेंट्स पर पड़ा है. होटल एसोसिएशन के महासचिव पी सी राव बताते हैं, ' 4 दिन पहले ही सरकार ने कर्फ्यू की घोषणा की तब तक स्टार होटल्स के साथ-साथ रिसोर्ट में बुकिंग हो चुकी थी. अब हम उन सब को पैसे वापस कर रहे हैं. रात 10 बजे से कर्फ्यू की वजह से पर्यटक अब बेंगलुरु की जगह गोवा और पांडिचेरी का रुख कर रहे हैं.

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बेंगलुरु के ब्रिगेड रोड, एमजी रोड इंटरसेक्शन पर नए साल के जश्न के लिए लाखों की संख्या में  लोग इकठा होते थे  लेकिन यहां भी मायूसी पसरी है. 31 की रात में सारे फ्लॉवर्स बंद होंगे और किसी को भी कहीं भी घर के बाहर जश्न मनाने की इजाज़त नही होगी. महासचिव ब्रिगेड रोड बाजार संघ के महासचिव सोहेल सेठ ने बताया, 'सिर्फ लाइटिंग देखने के लिए ही यहां पर हजारों की संख्‍या में लोग जमा हो जाते थे इसलिए इस बार हमने लाइटिंग ने की ताकि भीड़भाड़ न हो. दिन हो या रात एमजी रोड क्रिकेट के इस चौराहे पर नए साल के जश्न के लिए एक अलग ही ढंग की रौनक होती थी लेकिन वह साज-सज्जा अब नहीं दिख रही. लोग भी इस बात को समझ रहे हैं कि कोरोना के हालात को समझते हुए नए साल के जश्न के लिए घर से बाहर न निकलने में ही सुरक्षा है.

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