किसानों को ठगने वाले मेरे रिश्तेदार की मदद करो, पुलिस से मंत्री की बातचीत का ऑडियो वायरल

इस मामले में स्थानीय किसानों ने हैदराबाद स्थित व्यापारियों अब्दुल रजाक, अकबर पाशा और नसीर अहमद पर मक्का की खरीद के भुगतान में उनकी पूरी पेमेंट न देने और धोखा देने का आरोप लगाया है.

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  • कर्नाटक के एक मंत्री की एक ऑडियो क्लिप वायरल हुई जिसमें वे पुलिस अधिकारी से रिश्तेदार के लिए मदद मांग रहे हैं.
  • मामला चिक्कबल्लापुर जिले में मक्का खरीद के भुगतान से जुड़ा है जहां किसानों को पूरी रकम नहीं मिली है.
  • स्थानीय किसानों ने हैदराबाद के व्यापारियों पर भारी राशि का भुगतान न करने और धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.
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बेंगलुरु:

कर्नाटक के आवास मंत्री जमीर अहमद खान की एक ऑडियो क्लिप वायरल हो रही है. इसमें उन्हें एक पुलिस अधिकारी से अनुरोध करते सुना गया है कि वह चिक्कबल्लापुर जिले में धोखाधड़ी मामले में शामिल उनके रिश्तेदार की मदद करें. पूरा मामला मक्‍का खरीद से जुड़ा है जिसमें किसानों को अब तक पूरी पेमेंट नहीं मिल सकी है. व्यापारियों ने इस पूरे मामले में उन्‍हें धोखा देने का आरोप लगाया है. 

क्‍या है सारा मामला 

परेसंद्रा पुलिस स्टेशन में दर्ज इस मामले में स्थानीय किसानों ने हैदराबाद स्थित व्यापारियों अब्दुल रजाक, अकबर पाशा और नसीर अहमद पर मक्का की खरीद के भुगतान में उन्हें भारी राशि का धोखा देने का आरोप लगाया है. इन व्यापारियों ने फरवरी से जुलाई के बीच मक्का खरीदा था लेकिन भुगतान पूरा नहीं किया. इस मामले में भारतीय न्‍यास संहिता (बीएनएस) की धारा 318 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. 

क्‍या है इस वायरल ऑडियो में 

ऑडियो में मंत्री खान को परेसंद्रा पीएसआई जगदीश रेड्डी से कहते सुना गया, 'हैलो भाई, हैदराबाद से अकबर पाशा हैं जो मेरे रिश्तेदार हैं. मैंने सुना कि उन्हें किसी वित्तीय मामले को लेकर बुलाया गया है.' इसके बाद वह अनुरोध करते हैं, 'हां, उन्होंने पैसा लिया था, यह सही है लेकिन यह वैसा नहीं है जैसा दावा किया जा रहा है. कृपया उनकी थोड़ी मदद करें, भाई. वह हमारे लिए महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं. क्या किया जा सकता है?' 

इगो इश्‍यू बना पूरा मामला 

पीएसआई ने इसके बाद जवाब दिया, 'हमने उन्हें पहले ही इस मामले को सुलझाने का मौका दे दिया है. अगर दोनों पक्ष सहमति जताएं और बकाया राशि चुकाएं तो हम मामला बंद कर सकते हैं. यह एक इगो इश्‍यू बन गया है औ कोई भी पक्ष सहमति नहीं दे रहा है.'  इसके बाद मंत्री खान जोर देते हैं, 'कृपया उन्हें एक और मौका दें कुछ दिनों का समय.' पीएसआई ने समझाया कि मामला सुलझाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए दोनों पक्षों की सहमति जरूरी है. मंत्री खान ने आगे कहा, 'हां, यह सही है कि पैसा दिया जाना चाहिए लेकिन शिकायत में जो राशि बताई गई है वह उतनी ज्‍यादा नहीं है. उन्हें एक मौका दें.' 

क्‍या कहना है मंत्री का 

इसके बाद पीएसआई जगदीश रेड्डी कहते हैं, 'इन्हें यहां आने दें और मामला सुलझा लें मैं इसे निपटा दूंगा.' इस पर मंत्री खान ने जवाब दिया, 'ठीक है, ठीक है.' वहीं जब इस पूरे मामले में NDTV ने मंत्री जमीर अहमद खान से संपर्क किया तो वे टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे. उनकी मीडिया टीम से प्रतिक्रिया पाने का प्रयास भी असफल रहा. सूत्रों का कहना है कि टीम ने ऑडियो की प्रामाणिकता को खारिज नहीं किया. टीम की मानें तो मंत्री सिर्फ मामले को सुलझाने में मदद करने के लिए कह रहे थे, कानून में कोई बदलाव करने की बात नहीं कर रहे थे. 

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