दुनिया के कुछ हिस्सों में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ने और देश में ओमीक्रोन के उपस्वरूप बीएफ.7 के मामले सामने आने के मद्देनजर कर्नाटक सरकार नये साल के जश्न सहित आने वाले दिनों के लिए सोमवार को एहतियाती उपायों एवं दिशानिर्देशों पर निर्णय ले सकती है.
राज्य सरकार स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन मंत्रियों की अध्यक्षता में तकनीकी विशेषज्ञों के साथ होने वाली बैठक में दिशानिर्देशों पर निर्णय ले सकती है.
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने रविवार को कहा, ‘‘स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन मंत्री (क्रमशः के. सुधाकर और आर. अशोक) चर्चा करेंगे, केंद्र से कई निर्देश आए हैं और राज्य सरकार को संक्रमण के प्रसार पर तथ्यात्मक स्थिति का विश्लेषण करने के बाद कुछ निर्णय लेने की जरूरत है.''
उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि अनावश्यक चिंता करने की जरूरत नहीं है, लेकिन जागरूकता जरूरी है. उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व में देश और राज्य पर पड़े (कोविड से जुड़े) अंतरराष्ट्रीय प्रभाव को ध्यान में रखते हुए सोमवार की बैठक में दिशानिर्देशों पर भी निर्णय लिया जाएगा. बैठक में तकनीकी विशेषज्ञ भी शामिल होंगे.''
कर्नाटक ने बृहस्पतिवार को बंद परिसरों में मास्क अनिवार्य करने का फैसला किया था. साथ ही, इन्फ्लुएंजा-जैसे रोगों और श्वसन संबंधी गंभीर बीमारी के सभी मामलों में अनिवार्य जांच का निर्देश दिया था, भले ही उनमें संक्रमण के कोई लक्षण नहीं हों.
चिक्कबल्लापुरा में मंत्री सुधाकर ने कहा कि वह और आपदा प्रबंधन मंत्री अशोक कोविड-19 की स्थिति का विश्लेषण करने के लिए बैठक करेंगे.
मंत्री ने कहा कि यह बात वह नहीं कह सकते कि नए कदम या दिशानिर्देश कल से ही लागू हो जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘‘हमने बैठक यह सुनिश्चित करने के लिए बुलाई है कि पहली और दूसरी लहर जैसी स्थिति दोबारा नहीं आये और इसके लिए एहतियाती कदम उठाए जाएं.''
उन्होंने कहा कि भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना, बूस्टर खुराक लेना और यथासंभव सामाजिक दूरी बनाए रखना कुछ ऐसे उपाय हैं, जिनका नागरिकों द्वारा पालन किया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें कोविड-19 के साथ जीना होगा और हमने पिछले दो-तीन वर्षों से यही सबक सीखा है.''
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