कर्नाटक चुनाव में बीजेपी की 'प्रयोग' की राजनीति, बगावत के सुर तेज

बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं येदियुरप्पा, ईश्वरप्पा और अंगारा ने पार्टी आलाकमान की बात मानते हुए चुनावी राजनीति से दूर रहने का ऐलान किया है, लेकिन 67 साल के लिंगायत नेता जगदीश शेट्टर ने पार्टी आलाकमान की बात मानने से साफ इंकार कर दिया.

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कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए आखिरकार बीजेपी ने अपने 80 फीसदी उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है, लेकिन इसके साथ ही विरोध प्रदर्शन भी शरू हो चुका है. पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर जैसे लिंगायत नेताओं का टिकट भी कटा, जो बगावती तेवर दिखा रहे हैं. साथ में 11 मौजूदा विधायकों को भी टिकट नहीं दिया गया. पहली सूची में और 52 नए चेहरे हैं. येदियुरप्पा, ईश्वरप्पा, जगदीश शेट्टर जैसे दिग्गज नेताओं की गैर-मौजूदगी से साफ है कि पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांगेगी. 

जगदीश शेट्टर ने पार्टी आलाकमान की बात मानने से किया इंकार
येदियुरप्पा, ईश्वरप्पा और अंगारा ने पार्टी आलाकमान की बात मानते हुए चुनावी राजनीति से दूर रहने का ऐलान किया है, लेकिन 67 साल के लिंगायत नेता जगदीश शेट्टर ने पार्टी आलाकमान की बात मानने से साफ इंकार कर दिया. वह पार्टी से बगावत पर उतारू हैं. उन्होंने कहा कि "में चुनाव लड़ूंगा पार्टी को मुझसे कंसल्ट करना चाहिए."

हिजाब के खिलाफ मुहिम चलाने वाले रघुपति भट्ट को भी टिकट नहीं
वहीं हिजाब के खिलाफ मुहिम चलाने वाले उडुपी विधायक रघुपति भट्ट को भी समझ नहीं आ रहा कि संघ और पार्टी लाइन को आगे बढ़ाने के बावजूद उन्हें टिकट क्यों नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से उन लोगों ने मेरे साथ व्यवहार किया है, उससे मैं बहुत ही दुखी हूं अब तक बीजेपी के किसी भी नेता ने मुझे कॉल नहीं किया है, यह ठीक नहीं है.

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कांग्रेस के डीके शिवकुमार के खिलाफ आर अशोक को दिया टिकट
बीजेपी ने एक एक्सपेरिमेंट और किया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार के खिलाफ बीजेपी विधायक आर अशोक को टिकट दिया है. वो अपनी पुरानी सीट पद्मनाभ नगर के साथ-साथ कनकपुरा से भी चुनाव लड़ेंगे.अगर दोनों की तुलना करें तो जहां आर अशोक मरसू उपजाति के वोक्कालिगा हैं वहीं डीके शिवकुमार गंगगाटकर उपजाति के वोक्कालिगा है. कनकपुरा में मरसू उपजाति का वजूद ना के बराबर है. कनकपुरा से बीजेपी कभी नहीं जीती. ना ही यहां बीजेपी का जनाधार है. 2008 से डीके शिवकुमार लगातार जीत रहे हैं. इससे पहले 1983 से जनता दल के उम्मीदवार यहां से जीते थे.

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डीके शिवकुमार  (प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस) ने कहा कि हम दोनों के खिलाफ जो भी उम्मीदवार उतारे हैं, उनको हम शुभकामना देते हैं. कौन मजबूत उम्मीदवार है ये तो चुनाव के नतीजे से पता चलेगा, लेकिन मुझे इस बात की खुशी है कि बीजेपी हम दोनों से बहुत ज्यादा भयभीत है इसलिए हमें टारगेट कर रही है.

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कांग्रेस के सिद्धारमैया के सामने वी सोमन्ना को उतारा

कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के दावेदार OBC कोरबा नेता सिद्धारमैया के खिलाफ लिंगायत नेता वी सोमन्ना को बीजेपी ने उतारा है, जहां अनुसूचित जाति के 47 हज़ार वोटर्स हैं. अनुसूचित जनजाति के 30 हज़ार, कुरबा ओबीसी 35 हज़ार, मुस्लिम 9 हज़ार , वोक्कालिगा 21 हज़ार और लिंगायत 52 हज़ार हैं.

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2008 से सिद्धारमैया लगातार अपना कब्जा इस सीट पर बनाए हुए है. बीजेपी के उम्मीदवारों की लिस्ट से साफ है कि पार्टी कर्नाटक में विधानसभा चुनाव गुजरात की ही तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर लड़ेगी. नए चेहरों को मौका दिया गया है. जातीय समीकरण बनाए रखने की कोशिश की गई है. ऐसे में अब देखना है कि बीजेपी का ये एक्सपेरिमेंट गुजरात के वोटर्स की तरह कर्नाटक के वोटर्स को कितना रास आता है.

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