राजनीतिक षड्यंत्र से परेशान मेरी पत्नी, प्‍लॉट किये वापस : कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया

कर्नाटक के बहुचर्चित मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) में हुए घोटाले को लेकर पीपुल्स कोर्ट ने मैसूर लोकायुक्त को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे.

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सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती ने लौटाए प्‍लॉट
बेंगलुरु:

मुडा भूमि आवंटन में कथित घोटाले को लेकर बढ़ते विवाद के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि मेरी पत्‍नी ने भूमि वापस कर दी है. राजनीतिक षड़यंत्र के तहत मेरे परिवार को इस विवाद में घेरा गया. सिद्धारमैया ने एक्‍स पर लिखा, 'मेरी पत्नी पार्वती ने मैसूर में मुदा भूमि अधिग्रहण के बिना जब्त की गई भूमि के मुआवजे के रूप में दी गई भूमि वापस कर दी है...' वहीं, भाजपा इस मुद्दे को लेकर हमलावर है. बीजेपी का कहना है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए. जमीन घोटाला करना कांग्रेस का जन्मसिद्ध अधिकार बन चुका है.

सिद्धारमैया बोले- राजनीतिक षड़यंत्र से परेशान मेरी पत्नी 

मुख्‍यमंत्री सिद्धारमैया ने एक्‍स पर लिखा, 'प्रदेश की जनता भी जानती है कि विपक्षी दलों ने मेरे खिलाफ राजनीतिक द्वेष पैदा करने के लिए झूठी शिकायत रची और मेरे परिवार को विवाद में घसीटा. मेरी स्थिति इस अन्याय के सामने झुके बिना लड़ने की थी. लेकिन मेरे खिलाफ चल रहे राजनीतिक षड़यंत्र से परेशान मेरी पत्नी ने ये प्लॉट वापस करने का फैसला लिया है, जिससे मैं भी हैरान हूं. मेरी पत्नी, जो मेरी चार दशक लंबी राजनीति में कभी भी हस्तक्षेप किए बिना अपने परिवार तक ही सीमित थी, मेरे खिलाफ नफरत की राजनीति का शिकार है और मनोवैज्ञानिक यातना झेल रही है... मुझे खेद है.'

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सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती ने लौटाया प्‍लॉट

बता दें कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती ने सोमवार को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) को पत्र लिखकर उन्हें आवंटित 14 भूखंडों को वापस करने की पेशकश की है. पार्वती का पत्र मुडा भूमि आवंटन में कथित घोटाले को लेकर बढ़ते विवाद के बीच आया है. उन्होंने पत्र में लिखा, 'मैं मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा आवंटित भूखंडों को वापस करना चाहती हूं. मैं भूखंडों का कब्जा भी मैसूर शहरी विकास को वापस सौंप रही हूं. प्राधिकारी कृपया इस संबंध में यथाशीघ्र आवश्यक कदम उठाएं.'

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बीजेपी ने की सिद्धारमैया के इस्‍तीफे की मांग

इस घटनाक्रम पर भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि वास्तव में यह पत्र मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस्तीफे का होना चाहिए. जांच से बचने के लिए यह पत्र लिखा गया है. जब कुछ गलत नहीं किया गया, तो भूखंडों को वापस क्यों किया जा रहा है. ये जगजाहिर है कि उन्होंने भ्रष्टाचार किया है. ईडी की कार्रवाई के बाद यह कदम उठाया गया है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए. जमीन घोटाला करना कांग्रेस का जन्मसिद्ध अधिकार बन चुका है.'

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ये है पूरा भूमि विवाद 

बता दें कि कर्नाटक के मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) में विकास योजनाओं के दौरान खुद की जमीन खोने वाले लोगों के लिए सन 2009 में एक योजना लागू की गई थी. इस योजना के तहत जमीन खोने वाले लोगों को विकसित भूमि का 50 फीसद हिस्सा देने की बात की गई थी. इसी वजह से आगे चलकर यह योजना 50:50 के नाम से मशहूर हुई.

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