कर्नाटक में लोकसभा चुनाव तक सार्वजनिक नहीं होगी जातीय गणना की रिपोर्ट? दुविधा में सिद्धारमैय्या सरकार 

रिपोर्ट के बारे में जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक अनुसूचित जाति और मुसलमानों की आबादी लिंगायतों और वोकलीग्गा से ज्‍यादा है यानी लिंगायतों और वोकलीग्गा के वर्चस्व को लेकर जो आम धारणा है, वो खत्म हो जाएगी.

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बेंगलुरु:

कर्नाटक (Karnataka) में जातीय गणना (Caste Census) की रिपोर्ट को जल्द ही ओबीसी आयोग सिद्धारमैय्या सरकार (Siddaramaiah Government) को सौंपने जा रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या इस रिपोर्ट को फिलहाल सार्वजनिक करने के मूड में नहीं दिख रहे हैं, कम से कम अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले तक. ओबीसी आयोग ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है. सोशल एंड एजुकेशनल सर्वे यानी कास्ट सेंसस रिपोर्ट लगभग तैयार है और आयोग नवंबर में ये रिपोर्ट मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या की सरकार को सौंप देगा. 

कर्नाटक के ओबीसी आयोग के अध्‍यक्ष जय प्रकाश हेगड़े ने कहा कि इस रिपोर्ट में क्या है ये मैं आपको नहीं बता सकता हूं, सिर्फ इतना कहना चाहता कि मैं रिपोर्ट सौंप रहा हूं. 

इस रिपोर्ट के बारे में जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक अनुसूचित जाति और मुसलमानों की आबादी लिंगायतों और वोकलीग्गा से ज्‍यादा है यानी लिंगायतों और वोकलीग्गा के वर्चस्व को लेकर जो आम धारणा है, वो खत्म हो जाएगी. कहते हैं कि इन्हीं दोनों जातियों की तरफ से दबाव की वजह से अब तक रिपोर्ट सार्वजनिक करने की हिम्मत कोई मुख्यमंत्री नहीं कर पा रहा है, लेकिन अब दबाव मुस्लिम और अनूसूचित जाति की तरफ से सरकार पर पड़ रहा है. 

वरिष्‍ठ एससी नेता और विचारक एम वेंकटस्वामी ने कहा कि सरकार को फौरन इस रिपोर्ट को स्वीकार कर इसे लागू करना चाहिए. 

बीजेपी रिपोर्ट के विरोध में, जेडीएस ने किया समर्थन 

मुख्‍यमंत्री सिद्धारमैय्या दबाव में हैं. बीजेपी जातीय गणना रिपोर्ट का विरोध कर रही है, लेकिन जेडीएस समर्थन में है. सिद्धारमैय्या खुद कुरबा हैं यानी ओबीसी और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार वोकलीग्गा. डी के शिवकुमार भी  इस रिपोर्ट के बारे में खुलकर बयानबाजी से बच रहे हैं. ऐसे में सिद्धारमैय्या बीच का रास्ता निकालने में जुटे हैं. 

नवंबर या दिसंबर में मुझे मिलेगी रिपोर्ट : सिद्धारमैय्या 

सिद्धारमैय्या ने कहा कि रिपोर्ट नवंबर या दिसंबर में मुझे मिलेगी. फौरन तो हम इसे जारी नहीं कर सकते हैं. यह रिपोर्ट कैबिनेट के पास जाएगी और फिर एक प्रक्रिया है, उसके तहत तय होगा कि इसे कब जारी करना है. 

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रिपोर्ट जारी करने की हिम्‍मत दिखा पाएंगे सिद्धारमैय्या?

बिहार से बाद कर्नाटक दूसरा राज्य होगा जहां जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होगी. हालांकि सवाल यह उठता है कि क्या मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या इस रिपोर्ट को जारी करने की हिम्मत दिखा पाएंगे या फिर इसे कैबिनेट की उप समिति को सौंप दिया जाएगा. अटकलें लगाई जा रही है कि यह रिपोर्ट लोकसभा चुनाव के बाद जारी होगी. 

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