पानी पूरी यानी गोलगप्पे एक ऐसी चीज है जो हर किसी को पसंद है. लेकिन आज ये खबर पढ़ने के बाद आप शायद ही गोलगप्पे खाने की हिम्मत करेंगे. दरअसल हाल ही में कर्नाटक में पानी पूरी के नमूनों की जांच की गई. इस जांच की जो रिपोर्ट सामने आई उसने सबको चौंका दिया. जांच में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को चौंकाने वाले नतीजे मिले हैं. अधिकारियों द्वारा एकत्र किए गए पानी पूरी के 22% नमूने सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरे. यहां तक की 41 नमूनों में कैंसर पैदा करने वाले कार्सिनोजेनिक (Carcinogenic) एजेंट पाए गया.
रिपोर्ट के अनुसार, कुल 260 नमूनों में से 41 में कृत्रिम रंग और कैंसर पैदा करने वाले तत्व मिले. बाकी 18 नमूने मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त पाए गए.
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के अनुसार डेक्कन हेराल्ड को खाद्य सुरक्षा आयुक्त श्रीनिवास के ने बताया कि उन्हें लंबे समय से सड़कों पर मिलने वाले पानी पूरी की गुणवत्ता के बारे में कई शिकायतें मिल रही थी. जिनके आधार पर ये कदम उठाया गया. विभाग ने पूरे राज्य में सड़क किनारे की दुकानों से लेकर अच्छे रेस्तराओं के नमूने एकत्र किए. जांच में कई नमूने बासी मिले और मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त पाए गए."
नमूनों में पाए गए केमिकल
खाद्य सुरक्षा आयुक्त श्रीनिवास के के अनुसार पानी पूरी के नमूनों में ब्रिलियंट ब्लू, सनसेट येलो और टार्ट्राज़िन जैसे रसायन पाए गए. ये सभी केमिकल कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं.
खाद्य रंग एजेंट रोडामाइन-बी का प्रयोग कई व्यंजनों में होता है और कर्नाटक सरकार ने रोडामाइन-बी पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. इसी तरह से फरवरी में तमिलनाडु सरकार ने भी कॉटन कैंडी की बिक्री और खपत पर बैन लगा दिया था.
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