कर्नाटक में टिकट नहीं दिए जाने से नाराज़ लक्ष्मण सावदी ने छोड़ दी BJP

कर्नाटक चुनाव के लिए भाजपा ने अपने उम्‍मीदवारों की पहली लिस्‍ट जारी कर दी है. इस लिस्‍ट में 8 महिलाओं को भी जगह मिली है. भाजपा ने कर्नाटक में पूर्ण बहुत की सरकार बनाने का लक्ष्‍य रखा है.

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भाजपा कर्नाटक चुनाव के लिए 189 उम्मीदवारों की लिस्‍ट जारी की

कर्नाटक में टिकट नहीं दिए जाने से नाराज़ लक्ष्मण सावदी ने भारतीय जनता पार्टी छोड़ने का फैसला किया है. कर्नाटक विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट से इनकार के बाद लक्ष्मण सावदी ने कहा, "मैंने भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला किया है."

सावदी जिले की अथानी विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रहे हैं. पिछले चुनाव में उन्हें कांग्रेस के तत्कालीन उम्मीदवार महेश कुमाथल्ली के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा था. कुमाथल्ली दल बदलने वाले कांग्रेस के उन नेताओं में थे, जिन्होंने कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन की तत्कालीन सरकार को गिराने और 2019 में बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनाने में मदद की थी. वह भाजपा में शामिल हो गए थे. कुमाथल्ली को भाजपा नेता और पूर्व मंत्री रमेश जारकीहोली का समर्थन भी हासिल है.

सावदी ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, "मैंने निश्चित तौर पर फैसला किया है. मैंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला किया है."

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कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच 63 वर्षीय नेता ने कहा कि वह बृहस्पतिवार शाम को एक 'मजबूत निर्णय' लेंगे और शुक्रवार से इस पर काम करना शुरू कर देंगे. अथानी निर्वाचन क्षेत्र के लोगों और समर्थकों को अपना ‘असली आलाकमान' बताते हुए सावदी ने कहा कि उन्होंने उन्हें पार्टी के साथ-साथ विधानपरिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा देने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा, "मैं अपने 'आलाकमान' खोने के लिए तैयार नहीं हूं. उनके निर्देशों का पालन करना मेरा प्राथमिक कर्तव्य है."

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एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "जब मैंने अपनी पार्टी से इस्तीफा देने का फैसला कर लिया है, तो क्या मुझे एमएलसी के रूप में बने रहना चाहिए? मैं आत्मसम्मान वाला व्यक्ति हूं."

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सावदी की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने उनसे जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेने को कहा. उन्होंने कहा, "मैंने लक्ष्मण सावदी से बात की है. मैंने उनसे जल्दबाजी में फैसला नहीं लेने को कहा है. मेरा मानना है कि सावदी का भाजपा के साथ बहुत पुराना व भावनात्मक रिश्ता है." उन्होंने कहा कि वह जानते हैं कि उन्हें टिकट नहीं दिया गया है, लेकिन वह और पार्टी आलाकमान उनसे बात करेंगे. बोम्मई ने उन्हें शांत मन से सोचने की सलाह दी, ताकि वह महसूस कर सकें कि पार्टी में उनका भविष्य उज्ज्वल है. मुख्यमंत्री ने कहा, "पार्टी ने उनका हाथ थामा है और भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेगी. पार्टी उनका सम्मान करेगी."

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने लंबे मंथन के बाद मंगलवार रात 189 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई अपनी पारंपरिक शिगांव सीट से चुनाव लड़ेंगे, जबकि उनकी सरकार में मंत्री आर अशोक कनकपुरा सीट पर कांग्रेस नेता डी के शिवकुमार और अन्य मंत्री वी सोमन्ना वरुणा विधानसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को चुनौती देंगे.

केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की रविवार को बैठक होने के बाद भाजपा के शीर्ष नेताओं ने कई दौर की बैठक की और उसके बाद उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया. सीईसी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल हुए थे. अन्य बैठकों में भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और वरिष्ठ भाजपा नेता बी एस येदियुरप्पा सहित कई अन्य नेता भी शामिल हुए.

भाजपा ने 52 नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतारा है. 189 उम्मीदवारों की सूची में 32 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हैं, जबकि 30 अनुसूचित जाति और 16 अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं. उम्मीदवारों की पहली सूची में कुल आठ महिलाओं को जगह मिली है. कर्नाटक में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी का लक्ष्य लेकर चल रही भाजपा ने विधानसभा की कुल 224 सीट में से कम से कम 150 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है. 

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