मध्यप्रदेश मार्क्सवादी कम्युनिट पार्टी (माकपा) ने प्रदेश के धार जिले की धर्मपुरी तहसील में कारम मध्यम सिंचाई परियोजना के तहत निर्माणाधीन बांध से पानी के रिसाव और मिट्टी गिरने के मामले में राज्य के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग की है. इसके अलावा, माकपा ने इस बांध परियोजना में घोटाले का आरोप लगाया है और इसकी जांच करने की मांग भी की है.
मध्यप्रदेश माकपा के सचिव जसविंदर सिंह ने यहां एक बयान जारी कर कहा कि कारम बांध में जनता की गाढ़ी कमाई के 305 करोड़ रुपए बर्बाद होने और 18 गांवों की 22,000 जिंदगियों को दांव पर लगाने वाले जल संसाधन विभाग के मंत्री को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए था, मगर वही पहले बचाव फिर जवाब का उपदेश देकर अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, "प्रश्र सिर्फ 305 करोड़ रुपये के बांध के पहली ही बारिश में फूट जाने का नहीं है, प्रश्न यह भी है कि अनियमतताओं और भ्रष्टाचार के कारण दिल्ली की जिस एएनएस कंस्ट्रक्शन कंपनी का लाइसेंस 2016-17 में रद्द कर दिया गया था, उसी कंपनी को 305 करोड़ रुपये के निर्माण का ठेका देकर बिना गुणवत्ता जांचे ही भुगतान कैसे कर दिया गया." सिंह ने कहा, "यह घोटाला सिर्फ प्रशासनिक स्तर पर ही नहीं, बल्कि राजनीतिक संरक्षण में हुआ भ्रष्टाचार है, जिसकी समुच्चित जांच की जानी चाहिए."
माकपा नेता ने कहा कि इतने बड़े घोटाले और 22,000 नागरिकों की जिंदगियों को दांव पर लगाने वाले आपराधिक और भ्रष्ट मामले की जांच कर दोषियों को सजा देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जल संसाधन मंत्री भी अपनी जवाबदेही से बच नहीं सकते हैं. पार्टी ने मंत्री तुलसी सिलावट से नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तुरंत इस्तीफा देने की मांग की है.
धार जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर कारम नदी पर 305 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस बांध की दीवार से गुरुवार से जारी पानी के रिसाव और मिट्टी गिरने से बांध के टूटने का खतरा पैदा हो गया था. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा कि प्रदेश के धार जिले में कारम नदी पर निर्माणाधीन बांध की स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण में है. इससे कुछ घंटे पहले एक अधिकारी ने कहा कि रविवार तड़के तीन बजे इस बांध से समानांतर चैनल के जरिये पानी निकलना शुरू हो गया है और बांध को सुरक्षित तरीके से खाली किया जा रहा है.