सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल की तबियत बिगड़ी, CJI ने सुनवाई रोककर मदद की पेशकश की

चुनावी बांड मुद्दे पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सिब्बल सुप्रीम कोर्ट कॉन्फ्रेंस रूम का उपयोग कर सकते हैं और वीडियो लिंक के जरिए शामिल हो सकते हैं.

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कपिल सिब्बल को सीजेआई चंद्रचूड़ और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मदद की पेशकश की.
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनावी बांड मुद्दे पर सुनवाई के दौरान तीखी बहस के बीच सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Tushar Mehta) ने कुछ मिनटों के लिए सब कुछ रोक दिया और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) की मदद पर ध्यान केंद्रित किया. कपिल सिब्बल की तबीयत ठीक न होने से उन्होंने यह किया.

जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ के सामने चुनावी बांड मुद्दे पर गुरुवार को सुनवाई के तीसरे दिन केंद्र की ओर से बहस कर रहे तुषार मेहता अचानक रुके और पलटकर उन्होंने आश्चर्य जताया कि सिब्बल कहां हैं? याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए कपिल सिब्बल की टीम ने मेहता को कुछ बताया. जब न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने उनसे पूछा कि क्या हुआ था, तो उन्होंने कहा कि यह कुछ व्यक्तिगत मामला है और सुनवाई से इसका कोई लेना-देना नहीं है.

सिब्बल को चैंबर का उपयोग करने की पेशकश

सुनवाई फिर से शुरू हुई और सिब्बल थोड़ी देर बाद अदालत कक्ष में पहुंचे. तभी मेहता ने अदालत को बताया कि सिब्बल की तबीयत ठीक नहीं है. उन्होंने सिब्बल को अपने चैंबर का उपयोग करने की पेशकश की ताकि वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में शामिल हो सकें. उन्होंने कहा कि सिब्बल के लिए वहां चाय और कुछ नाश्ते की व्यवस्था की जाएगी.

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चीफ जस्टिस भी आगे आए और कहा कि सिब्बल सुप्रीम कोर्ट के कॉन्फ्रेंस रूम में बैठ सकते हैं और वीडियो लिंक के जरिए इसमें शामिल हो सकते हैं. वरिष्ठ वकील सिब्बल ने जस्टिस चंद्रचूड़ का प्रस्ताव स्वीकार किया और लंच तक कॉन्फ्रेंस रूम से सुनवाई में शामिल हुए.

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राजनीतिक ताल्लुक

कपिल सिब्बल लंच के बाद कोर्ट रूम में लौट आए. इसके बाद तुषार मेहता और वे दोनों अपने उत्साही पेशेवर अवतार में वापस आ गए. सुनवाई के अंतिम हिस्से में राजनीतिक संबंधों को लेकर दोनों वकीलों के बीच दिलचस्प बातचीत देखी गई.

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मेहता ने कहा कि कांग्रेस को चंदा देने वाला कोई व्यक्ति नहीं चाहेगा कि भाजपा को इसके बारे में पता चले. 

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मेहता ने कहा कि, "उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि यदि सिब्बल के लिए यह सुविधाजनक है, तो मैं एक ठेकेदार के रूप में कांग्रेस पार्टी को दान देता हूं. मैं नहीं चाहूंगा कि भाजपा को पता चले क्योंकि वह आने वाले दिनों में सरकार बना सकती है." 

सिब्बल ने टोकते हुए कहा, "ऐसा लगता है कि मेरा विद्वान मित्र भूल गया है कि मैं अब कांग्रेस पार्टी का सदस्य नहीं हूं."

इस पर सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा कि सिब्बल मध्य प्रदेश के एक कांग्रेस नेता की ओर से अदालत में पेश हुए थे. सिब्बल ने तुरंत जवाब दिया कि जब मेहता सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, तो जरूरी नहीं कि वे भाजपा के सदस्य हों.

तुषार मेहता ने जवाब दिया, "बिल्कुल नहीं" और सिब्बल ने कहा, "तो मैं भी नहीं हूं."

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