दिल्ली दंगे के लिए खालिद कैसे जिम्मेदार, हिंसा के वक्त वो दिल्ली में था ही नहीं- कपिल सिब्बल

दिल्ली दंगा मामले उमर खालिद को लेकर कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि वह दंगों के समय दिल्ली में मौजूद ही नहीं था, वह फिर कैसे इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है, इसके अलावा भी उन्होंने क्या-क्या दलीलें दीं जानिए....

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • सिब्बल ने SC में कहा कि उमर खालिद को दंगा करने का दोषी कैसे ठहराया जा सकता है जब वे उस समय दिल्ली में नहीं थे
  • सिब्बल ने बताया कि कुल पचास से अधिक मामले दर्ज हैं, लेकिन उमर खालिद को केवल एक मामले में आरोपी बनाया गया है
  • कपिल सिब्बल ने फंड, हथियार और हिंसा भड़काने के कोई ठोस सबूत न होने तथा ट्रायल में देरी का भी जिक्र किया है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

दिल्ली दंगा केस मामले की आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान उमर खालिद की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलीलें दीं. उन्होंने कोर्ट में कहा कि उमर खालिद को भला दंगा करने के लिए कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है जबकि वो उस वक्त दिल्ली में थे ही नहीं. सिब्बल ने कहा कि कुल 715 केस दर्ज किए गए हैं, मेरे मुवक्किल को केवल एक मामले में आरोपी बनाया गया है, क्या ये चौंकाने वाला नहीं है?

सिब्बल ने कहा कि खालिद ने 17 फरवरी को अमरावती में भाषण दिया था और इसी आधार पर पुलिस ने आरोप लगाया कि उमर खालिद इस सब के लिए जिम्मेदार है. उसने हिंसा के बारे में कुछ नहीं कहा और यह एक सार्वजनिक भाषण है, जिसमें गांधीवादी सिद्धांतों की बात की गई है. सिब्बल ने कहा कि तीन आरोपियों, जिनमें 2 महिलाएं और एक आसिफ इकबाल तन्हा, को हाईकोर्ट ने नियमित जमानत दी और सुप्रीम कोर्ट ने इसे बरकरार रखा.  समानता के आधार पर उमर खालिद मामले में भी फैसला किया जा सकता है. सिब्बल ने दलील दी कि जो तीनों आरोपी मौजूद थे और उन्हें जमानत दे दी गई और जो उमर खालिद वहां मौजूद नहीं था, उसे अभी तक जमानत नहीं मिली है. 

सिब्बल ने दलील में सवाल उठाए कि जिस फंड, हथियार की रिकवर करने की बात की जा रही है, वो कहां है? इसके अलावा हिंसा भड़काने से संबंधित फिजिकल सबूत कहां है? किसी भी गवाह के बयान ये साबित नहीं करते हैं कि खालिद ने कोई हिंसा फैलाई. कपिल सिब्बल ने कहा कि ट्रायल में देरी और अपराध की गंभीरता को भी ध्यान में नहीं रखा गया. गंभीर मामलों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई जमानत के मामलों का जिक्र करते हुए सिब्बल ने कहा कि शीर्ष अदालत ने कहा है देरी के कारण जमानत पर विचार करते समय अपराध की गंभीरता की चिंता नहीं की जाती है. कपिल सिब्बल ने दलील देते हुए कहा कि आप आतंकवाद गतिविधि की परिभाषा समझिए, क्या बम लगाया गाय, नहीं ये हमारे मुवक्किल ने नहीं किया. किसी जरूरी सप्लाई में बाधा पहुंचाई? पैसे का लेनदेन हुआ? ये कोई मामला नहीं था.

Featured Video Of The Day
NIA की पूछताछ में आतंकी Muzammil का कबूलनामा! बताया कब से रच रहे थे साजिश | Delhi Blast Breaking
Topics mentioned in this article