दिल्ली के कंझावला मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में 11 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. इसमें 2 सब इंस्पेक्टर, 4 एसिस्टेंट सब इंस्पेक्टर, 4 हेड कॉन्स्टेबल और 1 कॉन्स्टेबल हुई है. सस्पेंड पुलिसकर्मियों में से 6 PCR की डयूटी में तैनात थे और 5 पुलिसकर्मी पिकेट पर तैनात थे. स्पेशल सीपी शालिनी सिंह ने अपनी जांच रिपोर्ट में इनको दोषी पाया था.
गृह मंत्रालय ने इन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने के लिए कहा था. एफआईआर में हत्या की धारा 302 भी जोड़ने के लिए कहा गया था. साथ ही डीसीपी को भी कारण बताओ नोटिस देने के लिए कहा गया. डीसीपी की लापरवाही पाए जाने पर उनके खिलाफ भी करवाई करने के लिए कहा है.
गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को मामले में जल्द से जल्द आरोपपत्र दायर करने का निर्देश दिया है ताकि दोषियों को सजा मिल सके. दिल्ली पुलिस को भी यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है कि जांच में कोई शिथिलता न हो और वे जांच की प्रगति के संबंध में गृह मंत्रालय को पाक्षिक रिपोर्ट सौंपे.
गृह मंत्रालय ने कहा कि राजधानी में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिए भी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि लोग, खासकर महिलाएं और बच्चे भयमुक्त माहौल में रह सकें.
इस संबंध में गहन जांच की जाएगी कि क्या बेहतर समन्वय के लिए पीसीआर वैन इकाइयों को जिला पुलिस के साथ जोड़ दिया जाए. पीसीआर वैन को कुछ साल पहले जिला पुलिस से अलग कर दिया गया था.
बाहरी दिल्ली में उन इलाकों की पुलिस द्वारा उचित जांच की जाएगी जहां सीसीटीवी कैमरे कम हैं या नहीं हैं और जिन इलाकों में ‘स्ट्रीट लाइट' नहीं है. पुलिस ऐसे क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे और ‘‘स्ट्रीट लाइट'' लगाने के लिए नागरिक एजेंसियों के साथ समन्वय करेगी. नए साल के पहले ही दिन तड़के एक युवती की स्कूटी को एक कार ने टक्कर मार दी और कार में फंस गयी युवती को आरोपी करीब 12 किलामीटर तक सड़कों पर घसीटते रहे जिससे उसकी मौत हो गई.
इस मामले में कार सवार पांच लोगों के साथ ही उनके कई साथियों को गिरफ्तार किया गया है. (भाषा इनपुट के साथ)
ये भी पढ़ें-