टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) की देवी काली पर की गई टिप्पणियों का मामला थमता नहीं लग रहा है. इस मामले में भाजपा की बंगाल इकाई ने एक ट्वीट के जरिये मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) से पूछा है कि वह कब तक मोइत्रा का बचाव करती रहेंगी? साथ ही पार्टी ने तारापीठ मंदिर (Tarapith Temple) के सचिव तारामय मुखर्जी का एक वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें मुखर्जी टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की मां काली पर की गई टिप्पणियों की आलोचना करते नजर आ रहे हैं.
बीजेपी बंगाल ने एक ट्वीट किया है, जिसमें लिखा, "तारापीठ मंदिर के सचिव तारामय मुखर्जी ने टीएमसी सांसद मोहुआ मोइत्रा के मां काली के अप्रिय चरित्र चित्रण की खिंचाई की है. शास्त्रों को जाने बिना बयान देने के लिए मंदिर के पुजारी ने उनकी आलोचना की है!"
तारामय मुखर्जी ने कहा कि महुआ मोइत्रा ने जिस तरह से मांस और शराब के बारे में बात की है, उससे निश्चित रूप से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है और उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था. ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि देवी मांस और शराब का सेवन करती हैं. शास्त्रों में ऐसा कहने की भी अनुमति नहीं है. 'करोक सुधा' नामक एक पेय देवी को ‘अर्पण‘ किया जाता है, वह भी तांत्रिक मंत्रों के उच्चारण और शुद्धिकरण के बाद, लेकिन उस पेय को 'शराब' नहीं कहा जा सकता है.
बता दें कि महुआ मोइत्रा को एक मीडिया कार्यक्रम में देवी काली पर की टिप्पणियों के लिए कई एफआईआर का सामना करना पड़ रहा है. मोइत्रा से फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई द्वारा साझा एक फिल्म के पोस्टर पर प्रतिक्रिया मांगी गई थी, जिसमें देवी को धूम्रपान करते दिखाया गया था.
सांसद ने कहा था कि उन्हें एक व्यक्ति के रूप में देवी काली को ‘मांस खाने वाली और शराब स्वीकार करने वाली देवी‘ के रूप में कल्पना करने का पूरा अधिकार है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति को अपने तरीके से भगवान की पूजा करने का अधिकार है.
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