युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में काबुल एयरपोर्ट पर गुरुवार को हुए घातक बम विस्फोटों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट खुरासान (ISIS-K) ने ली है. भारतीय खुफिया समुदाय के सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि इस्लामिक स्टेट खुरासान की भारत पर टेढ़ी नजर है. नाम उजागर ना करने की शर्त पर सरकारी सूत्रों कहा कि अफगानिस्तान में एक ठोस पैर जमाने के बाद इस्लामिक स्टेट खुरासान, जिसे IS-K या ISIS-K के रूप में भी जाना जाता है, "जिहाद को मध्य एशिया और बाद में भारत में फैलाने" के फिराक में है.
उन्होंने कहा कि आतंकी हमले करना और युवाओं की भर्ती करना उनके एजेंडे में सबसे ऊपर है. उन्होंने कहा, "वैचारिक रूप से, वे भारत में खिलाफत का शासन स्थापित करना चाहते हैं."
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उन्होंने कहा कि केरल और मुंबई के युवा ISIS में शामिल हो गए हैं. यह हिंसक समूह कट्टरपंथी व्यक्तियों के बीच महत्वपूर्ण आकर्षण का केंद्र है.
एक अधिकारी ने समूह की भर्ती योजनाओं के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "अगर रिवर्स ऑस्मोसिस शुरू होता है, तो भारत में कई सेल को सक्रिय किया जा सकता है."
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान के अधिग्रहण के साथ, देश आतंकवादी समूहों के लिए पेट्री डिश के रूप में उभर रहा है. उनके अनुसार, जम्मू-कश्मीर में अपने हमलों के लिए मशहूर पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद का नेतृत्व कंधार की सीमा से लगे अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत में स्थानांतरित हो गया है.
सूत्रों ने कहा इसी तरह, 2008 के मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार लश्कर-ए-तैयबा का नेतृत्व पूर्वी अफगानिस्तान के कुनार में स्थानांतरित हो रहा है.
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एक सूत्र के अनुसार, काबुल हमले यह दिखाने के लिए किए गए थे कि तालिबान वह सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकता जिसका वह वादा करता रहा है.