- पूर्व CJI बीआर गवई ने अपने उत्तराधिकारी न्यायमूर्ति सूर्यकांत के शपथ ग्रहण समारोह के बाद आधिकारिक कार छोड़ दी.
- न्यायमूर्ति गवई ने राष्ट्रपति भवन से निजी वाहन में लौटकर आधिकारिक मर्सिडीज-बेंज कार को उपलब्ध कराया.
- यह कदम इसलिए उठाया गया ताकि न्यायमूर्ति सूर्यकांत के लिए उच्चतम न्यायालय आने-जाने के लिए कार उपलब्ध रहे.
जस्टिस सूर्यकांत अब देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं. राष्ट्रपति भवन में आज उन्होंने पद व गोपनीयता की शपथ ली. इस शपथ समारोह में पूर्व CJI बी आर गवई समेत कई खास मेहमान शामिल थे.
इस दौरान पूर्व चीफ जस्टिस बी आर गवई ने सोमवार को अपने उत्तराधिकारी न्यायमूर्ति सूर्यकांत के शपथ ग्रहण समारोह के बाद राष्ट्रपति भवन में उनके लिए आधिकारिक मर्सिडीज-बेंज कार छोड़कर एक नई मिसाल कायम की.
पर्सनल कार से वापस गए जस्टिस गवई
23 नवंबर को रिटायर हुए न्यायमूर्ति गवई आधिकारिक कार से राष्ट्रपति भवन पहुंचे और समारोह के बाद अपने निजी वाहन से रवाना हुए.
देश के 53वें CJI बने जस्टिस सूर्यकांत
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एक सूत्र ने बताया, 'शपथ ग्रहण समारोह के बाद, न्यायमूर्ति गवई चीफ जस्टिस के लिए निर्धारित आधिकारिक वाहन को छोड़ गए और राष्ट्रपति भवन से एक वैकल्पिक वाहन में लौटे, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आधिकारिक कार उनके उत्तराधिकारी के सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए मौजूद रहे.'
53वें CJI बने जस्टिस सूर्यकांत
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने सोमवार को भारत के 53वें प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में न्यायमूर्ति सूर्यकांत को शपथ दिलाई. खास बात यह है कि उन्होंने हिंदी में शपथ ली है.













