CJI जूता कांड के आरोपी वकील पर चलेगा अवमानना का केस, अटॉर्नी जनरल ने दी मंजूरी

SCBA अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा कि कृपया आपराधिक अवमानना ​​को कल सूचीबद्ध करें. इस पर जस्टिस कांत ने कहा कि देखते हैं एक हफ़्ते में क्या होता है. जस्टिस बागची ने कहा कि छुट्टियों के बाद शायद कुछ और बिक्री योग्य विषय सामने आएं.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
CJI जूता कांड के आरोपी पर होगी अवमानना की कार्रवाई.
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • चीफ जस्टिस गवई पर जूता फेंकने वाले वकील राकेश किशोर के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला चलाया जा सकता है.
  • अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की मंजूरी दे दी है.
  • SG तुषार मेहता ने कहा कि संस्थागत अखंडता दांव पर है. जूता फेंकने की घटना का महिमामंडन बंद होना चाहिए.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई पर जूता फेंकने वाले वकील राकेश किशोर पर आपराधिक मानहानि का मामला चलाने का रास्ता साफ हो गया है.अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने वकील राकेश किशोर के खिलाफ न्यायालय की अवमानना की कार्रवाई शुरू करने को मंजूरी दे दी है. बता दें कि वकील राकेश किशोर ने कोर्ट के भीतर देश के चीफ जस्टिस गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की थी. सुप्रीम कोर्ट अब अवमानना की कार्रवाई मामले पर दिवाली की छुट्टियों के बाद सुनवाई करेगा.

ये भी पढ़ें-  "मैं स्तब्ध रह गया था लेकिन..." जूता कांड पर क्या बोले सीजेआई बीआर गवई, जानें

जूता फेंकने वाले वकील को कोई पछतावा नहीं

SCBA अध्यक्ष विकास सिंह और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने मामले को उठाया था. विकास सिंह ने कहा था कि यह मामला सोशल मीडिया पर लगातार चल रहा है. राकेश किशोर कह रहे हैं कि उनको इसका कोई पछतावा नहीं है.

संस्था इस तरह की घटनाओं से प्रभावित नहीं होती

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कुछ लोग इसका महिमामंडन करते हुए कह रहे हैं कि ऐसा करने में बहुत देर हो चुकी है. वहीं जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि माननीय मुख्य न्यायाधीश ने मामले में बहुत उदारता दिखाई है. इससे पता चलता है कि संस्था इस तरह की घटनाओं से प्रभावित नहीं होती है.

SCBA अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा कि जूता फेंकने की यह घटना ऐसे ही नज़रअंदाज़ नहीं की जा सकती, क्यों कि वकील को अपने किए का कोई पछतावा नहीं है. उन्होंने अटॉर्नी जनरल से सहमति मांगी है और आपराधिक अवमानना ​​का मामला शुक्रवार को सूचीबद्ध किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया बेकाबू हो गया है.

SG तुषार मेहता ने कहा कि मामले को सहमति दे दी गई है. संस्थागत अखंडता दांव पर है. वहीं जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि : हम सभी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्षधर हैं, समस्या यह है कि इसे कैसे नियंत्रित किया जाए.

सॉलिसिटर जनरल ने क्या कहा?

  • इस संस्था ने जो अवसर गंवा दिया, उसे देखते हुए कुछ कार्रवाई ज़रूरी थी.
  • जिस तरह से सोशल मीडिया का अनियंत्रित रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है, कुछ लोग इसका महिमामंडन कर रहे हैं. कुछ लोग उनके जूता फेंकने वाले वकील के साहस की तारीफ कर रहे हैं.
  • यह संस्थान का मामला है, ऐसा नहीं चल सकता.

जूता फेंकने की घटना का महिमामंडन बंद हो

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि इस मामले को किसी और चीज़ से प्रभावित हुए बिना देखा जाएगा. हमारे धर्म ने कभी हिंसा को बढ़ावा नहीं दिया. जरा सोचिए... सोशल मीडिया में हर चीज़ बिकाऊ हो जाती है. वहीं विकास सिंह ने कहा कि जूता फेंकने की घटना का महिमामंडन बंद होना चाहिए. इसे जॉन डो का आदेश माना जा सकता है.

Advertisement

जानें जस्टिस बागची की दलील

  • इस तरह के जॉन डो के आदेश से टिप्पणियों का तांता लग जाएगा.
  • हमारा व्यवहार और हम खुद को कैसे संभालते हैं, इसी से हमें सम्मान मिलता है.
  • मुख्य न्यायाधीश ने इसे एक गैर-ज़िम्मेदार नागरिक का कृत्य बताकर खारिज कर दिया है.
  • आपको इस बात पर विचार करना होगा कि जिस घटना का हमने निपटारा कर दिया है, उसे उछालना क्या ज़रूरी है, खासकर एक बोझिल अदालत में.
  • इस पर 5 मिनट खर्च करके देखिए. हम उन मामलों पर फैसला सुना सकते थे जहां लोग जेल में हैं या ज़मानत चाहते हैं.

जस्टिस सूर्यकांत ने क्या कहा?

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि एक बार जब हम इस पर विचार करेंगे तो हफ़्तों तक इस पर फिर से बात होगी. जस्टिस बागची ने कहा कि हम पैसा कमाने वाले उद्यम बन गए हैं. सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सोशल मीडिया एल्गोरिदम पर काम करता है, और यह हमें इसकी लत लगा देता है. हम असल में उत्पाद हैं, न कि हम इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.

जस्टिस बागची की दलील जानें

एल्गोरिदम इस तरह डिज़ाइन किए गए हैं कि यह नफ़रत, जाति, क्रोध आदि पर काम करता है, इसलिए इसे ज़्यादा हिट्स और लाइक्स मिलते हैं. आज आपके द्वारा किया गया उल्लेख केवल मुद्रीकृत होगा. हमें इस मुद्रीकरण में सहयोग करने और इसे स्वाभाविक रूप से मरने देने की जरूरत नहीं है.

Advertisement

विकास सिंह ने बताई बार काउंसिल की नाराजगी की वजह

विकास सिंह ने कहा कि बार की नाराज़गी संस्था पर हमले की वजह से है. जस्टिस सूर्यकांत ने जवाब दिया कि हम आपकी चिंता समझते हैं और उसका सम्मान करते हैं. इस पर विकास सिंह ने कहा कि कृपया आपराधिक अवमानना ​​को कल सूचीबद्ध करें. इस पर जस्टिस कांत ने कहा कि देखते हैं एक हफ़्ते में क्या होता है. जस्टिस बागची ने कहा कि छुट्टियों के बाद शायद कुछ और बिक्री योग्य विषय सामने आएं.

Featured Video Of The Day
Bihar Elections 2025: बिहार में CM Yogi की हुंकार, विपक्ष की लगाई क्लास | NDA | BJP | JDU | Rally