हम 24 घंटे और 365 दिन करते हैं काम... सुप्रीम कोर्ट में जजों की छुट्टियों पर बोले पूर्व CJI

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सभी जज पूरे सप्ताह यानी सोमवार से रविवार तक काम करते हैं. सुप्रीम कोर्ट के जजों के लिए कोई वीकेंड नहीं होता, क्योंकि शनिवार और रविवार को तो आप काम करते हैं."

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
नई दिल्ली:

भारत में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की छुट्टियां अक्सर बहस का विषय बन जाती हैं. पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) ने जजों की छुट्टियों और आलोचना पर अपनी बात रखी है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि तमाम लोग अक्सर कहते हैं कि इनको (जजों को) बहुत ज्यादा छुट्टियां मिलती हैं, लेकिन लोग यह नहीं समझते कि जज 24 घंटे और 365 दिन यानी 24X7 और 365 Days काम करते हैं. डिस्ट्रिक्ट जज तो शनिवार-रविवार को भी बेंच लगाते हैं. पूर्व CJI ने साफ किया कि जजों के पास सिर्फ मामलों की सुनवाई या फैसला सुनाने का काम ही नहीं होता. उन्हें तमाम प्रशासनिक काम भी देखने होते हैं.

पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को NDTV के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में ये बातें कहीं. उन्होंने कहा, "भारत का सुप्रीम कोर्ट वीक डेज की सबसे लंबी अवधि के साथ दुनिया के टॉप कोर्ट में शामिल है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "आप जानते हैं कि दुनिया के अन्य हिस्सों में सुप्रीम कोर्ट हैं, जहां अगर कोई जज मामलों की सुनवाई के लिए एक हफ्ते के लिए बैठता है, तो उन्हें वास्तव में फैसला सुनाने के लिए एक हफ्ते की छुट्टी मिलती है."

सुप्रीम कोर्ट में जजों की छुट्टियों को लेकर बहस बार-बार उठती रही है. साल 2022 में तत्कालीन केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद को बताया, "भारत के लोगों में यह भावना है कि अदालतों को मिलने वाली लंबी छुट्टियां न्याय चाहने वालों के लिए बहुत सुविधाजनक नहीं है. इसका असर न्याय की आस लगाए लोगों पर पड़ता है. ऐसे में उनका उत्तरदायित्व बनता है कि आम जनता का मैसेज और सदन की भावना न्यायपालिका तक पहुंचाई जाए…"

यह पूछे जाने पर कि क्या दुनिया को बड़े पैमाने पर सुप्रीम कोर्ट की छुट्टियों के प्रति संवेदनशील होने की जरूरत है? इसके जवाब में पूर्व CJI कहते हैं, "बिल्कुल. मैं आपसे पूरी तरह सहमत हूं. इस वजह से गर्मियों के दौरान भी आंशिक अदालत का काम करती है. अदालत के दरवाजे कभी बंद नहीं होते."

Advertisement

पूर्व CJI ने कहा, "बेंच पर आपकी जिंदगी का पहला शिकार आपके परिवार के साथ समय बिताने की आपकी क्षमता है. अब तो मैं अपनी खोई हुई जमीन की भरपाई कर रहा हूं." बता दें कि देश के 50वें CJI डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर हुए हैं. 

Advertisement
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सभी जज पूरे सप्ताह यानी सोमवार से रविवार तक काम करते हैं. सुप्रीम कोर्ट के जजों के लिए कोई वीकेंड नहीं होता, क्योंकि शनिवार और रविवार को तो आप काम करते हैं. ज्यादातर जज वीकेंड पर सोमवार को होने वाली सुनवाई के मामलों की स्टडी कर रहे होते हैं. जजों के लिए कहां कोई छुट्टी होती है."

उन्होंने बताया कि महत्वपूर्ण संवैधानिक मामले या कानून के अहम सवालों से जुड़े मामले मुख्य रूप से छुट्टियों के दौरान निपटाए जाते हैं. जस्टिस चंद्रचूड़ बताते हैं, "यह सिर्फ तभी होता है, जब आपके पास एक छोटा ब्रेक या एक लंबा ब्रेक होता है. जैसे कि होली या दीपावाली... इस दौरान भी जज अपना काम निपटाते हैं." 

Advertisement

पूर्व CJI बताते हैं, "आपने कई बार सुना या पढ़ा होगा कि कोई जज शहर से बाहर गए हैं. जब वे शहर से बाहर जाते हैं, तो अमूमन लॉ कॉलेजों के छात्रों को संबोधित कर रहे होते हैं. वे लीगल हेल्प कैंप ऑर्गनाइज कर रहे हैं. यह समान रूप से एक समकालीन जज के कामकाज का एक हिस्सा है. इसलिए ऐसा नहीं है कि जजों के पास असीमित समय की छुट्टी है या परिवार के साथ बीताने के लिए वक्त है."

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट में कितनी छुट्टियां?
सुप्रीम कोर्ट में साल में 193 दिन काम होता है. कोर्ट के कैलेंडर पर नजर डालें, तो पूरे साल में मोटे तौर पर 3 बार छुट्टियां होती हैं. सबसे बड़ी छुट्टी समर वेकेशन होती है. ये मई के आखिर से जुलाई के पहले हफ्ते तक यानी कुल 7 हफ्ते की होती है. ऐसा नहीं है कि समर वैकेशन के दौरान सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह बंद हो जाता है. जब समर वेकेशन होता है, तो वेकेशन बेंच काम देखती है. समर वेकेशन शुरू होने से पहले ही CJI रोस्टर बना देते हैं. मामलों की सुनवाई के लिए बेंच बना दी जाती है. 

दशहरा और दीपावाली के दौरान सुप्रीम कोर्ट में एक सप्ताह की छुट्टी होती है. फिर दिसंबर में करीब दो हफ्ते के लिए सुप्रीम कोर्ट में वेकेशन रहता है. वास्तव में अंग्रेजों के जमाने से सुप्रीम कोर्ट में सालाना वेकेशन का यही सिस्टम फॉलो किया जा रहा है. 

हाईकोर्ट में कितनी छुट्टियां?
हाईकोर्ट में साल के 365 दिन में 210 दिन कामकाज होता है. हाई कोर्ट अपनी एनुअल लीव का कैलेंडर खुद बना सकते हैं. इसका मतलब यह है कि उनकी छुट्टियां कब-कब और किस दिन होगी यह हर साल बदलता रहता है.

जिला अदालत में मिलती है कितनी लीव?
सेशन कोर्ट या ट्रायल कोर्ट की बात करें, तो वहां साल के 365 दिन में से 245 दिन कामकाज होता है. स्थानीय छुट्टियों के मुताबिक कैलेंडर तय होता है. गैजेटेड और सैटर्डे-संडे की छुट्टियों के अलावा सभी दिन काम होता है.

Featured Video Of The Day
Top 100 Headline: Air India Plane Crash | Ahmedabad | Eknath Shinde | Shiv Sena | Sanjay Gaikwad