सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को एक याचिकाकर्ता डॉ. सच्चिदानंद पांडे ने खुलेआम अदालत में आत्महत्या करने की बात कही, इस पर जस्टिस संजीव खन्ना ने तो पहले उसे समझाया, लेकिन बार-बार उसकी एक ही रट के बाद उन्होंने याचिकाकर्ता को सख्त लहजे में कहा कि उसकी चीफ जस्टिस से मिलवाने की जिद ऐसे पूरी नहीं की जा सकती, जैसे वो चाह रहा है, उसका प्रोसेस है.
हालांकि इस पर भी जब उसने फिर कहा कि कोर्ट लिख ले वो खुदकुशी कर लेगा. इस पर जस्टिस खन्ना ने फटकार लगाते हुए कहा कि वो अपनी हदें पार कर रहा है.
मंगलवार को जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर महादेवन की पीठ के सामने पांडे ने अपनी पैरवी खुद हिंदी में करते हुए कहा कि वो अपनी अर्जी में कई विषयों को रखना चाहता है. जस्टिस खन्ना ने कहा कि याचिका जिस तरह से ड्राफ्ट की गई है उससे कोई हल नहीं निकलेगा, बेहतर है वो लीगल एड से जाकर मिल लें. इस पर पांडे ने कहा कि वो आत्महत्या कर लेगा. इस पर जस्टिस खन्ना ने उसे समझाते हुए कहा कि आप इस तरह ना बोलें. आप इतने कमजोर नहीं हैं.
जस्टिस खन्ना ने इसके बाद अर्जी के निपटारे के लिए आदेश लिखवाना शुरू कर दिया, तभी पांडे ने दोबारा कहा कि आप लिख लें. मैं आत्महत्या कर लूंगा. इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि आप अपनी हदें पार करते जा रहे हैं. कृपया चुप हो जाएं. आप अपने आप को इतना कमजोर समझ रहे हैं? आप हमें ऐसे कहेंगे तो यह एक तरह से कोर्ट को धमकी देने जैसा है. हमने आपको समझाया है. आपको कुछ दिक्कत है तो आप लीगल एड में जाएं वो आपको समझाएंगे. आपको काउंसलिंग की जरूरत है.