हेट स्पीच रोकने के लिए धर्म संसद के आयोजनों पर पत्रकार ने की रोक की मांग

अपनी चिट्ठी में अली ने लिखा है कि नफरत फैलाने का जरिया बनने वाले ऐसे आयोजनों के प्रति एहतियाती और रोकथाम के उपाय करना स्थानीय प्रशासन का फर्ज और जिम्मेदारी है.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करने की अनुमति दी थी.
नई दिल्ली:

धर्म संसद में हेट स्पीच पर रोक लगाने और ऐसे भाषण देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की गुहार सुप्रीम कोर्ट में लगाने वाले पत्रकार कुर्बान अली ने अलीगढ़ (यूपी), हरिद्वार (उत्तराखंड) और ऊना (हिमाचल प्रदेश) के स्थानीय प्रशासन को चिट्ठी लिखकर आसन्न भविष्य में प्रस्तावित धर्म सांसदों के आयोजन पर रोक लगाने की मांग की है.अपनी चिट्ठी में अली ने लिखा है कि नफरत फैलाने का जरिया बनने वाले ऐसे आयोजनों के प्रति एहतियाती और रोकथाम के उपाय करना स्थानीय प्रशासन का फर्ज और जिम्मेदारी है.

उनका कहना है कि क्योंकि ऐसे भाषणों से जनता की भावनाएं भड़कती हैं. इसके बाद जो होता है उससे निपटने का दायित्व आखिरकार जिला प्रशासन पर ही आता है. हम चूंकि विधान सभा चुनाव जैसे संवेदनशील दौर में हैं लिहाजा समय रहते ऐसे आयोजनों को रोकने का दायित्व भी आपका ही है.

'तुम सब मरोगे' : हरिद्वार हेट स्पीच मामले में पहली गिरफ्तारी पर भड़के आरोपी यति नरसिंहानंद

अली ने लिखा है कि वैसे तो ये पहले से नहीं कहा जा सकता कि कौन कब क्या बोलेगा, लेकिन चुनावों के समय आयोजक और उन आयोजनों में हिस्सा लेने वाले अपने भड़काऊ भाषण से जनजीवन को अस्तव्यस्त कर सकते हैं. 

अली का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उन्हें छूट दी थी कि निकट भविष्य में होने वाले धर्म संसद कार्यक्रमों की बाबत स्थानीय प्रशासन को बताया जाए, क्योंकि याचिकाकर्ताओं को आशंका है कि उन धर्म संसद में भी भड़काऊ भाषण होंगे. 

हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच केस : SC का उतराखंड सरकार को नोटिस, 10 दिनों में मांगा जवाब

दरअसल 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करने की अनुमति दी थी. याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि इन आयोजनों में भड़काऊ भाषण देने की संभावना है. 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, उत्तराखंड सरकार और दिल्ली पुलिस को भी धर्म संसद में हेट स्पीच को लेकर नोटिस जारी किया था और 10 दिनों में जवाब मांगा है कि उन्होंने धर्म संसद के आयोजकों और वहां नफरत फैलाने वाले भाषण देने वालों पर अब तक क्या कार्रवाई की है. 

हालांकि इस सुनवाई के 36 घंटे के भीतर ही उत्तराखंड की सीमा से यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सैयद वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को गिरफ्तार कर लिया गया.
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Mahakumbh Stampede: महाकुंभ में भगदड़ से 30 की मौत, CM Yogi ने न्यायिक जांच के दिए आदेश | Top News
Topics mentioned in this article