मोदी सरकार में बढ़ी नौकरियां, क्या कहती है आरबीआई की रिपोर्ट

आरबीआई ने नौकरियों और उत्पादकता का पता लगाने के लिए नेशनल एकाउंट स्टैटिस्टिक, उद्योगों के सालाना सर्वे एनएसएसओ के सर्वेक्षणों और श्रम मंत्रालय के आंकड़ों का विश्लेषण किया है. आरबीआई ने इस तरह की कोशिश पहली बार की है.

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नई दिल्ली:

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में करीब पांच करोड़ रोजगार का सृजन हुआ. इससे पहले के वित्त वर्ष में 4.76 करोड़ रोजगार का सृजन हुआ था.इसके साथ ही देश में नौकरियों की संख्या 64.33 करोड़ हो गई है.पिछले वित्त वर्ष में रोजगार में वृद्धि की रफ्तार 3.2 फीसदी रही. वहीं 2023-24 में इसकी रफ्तार 6 फीसदी रही.आरबीआई ने पहली बार कई तरह के आंकड़ों का उपयोग कर वित्त वर्ष में उद्योगों में उत्पादकता और नौकरियों का आंकलन करने की कोशिश की है.

क्या है आरबीआई का दावा

आरबीआई ने सोमवार को जारी अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि 2027-18 और 2021-22 के दौरान देश में आठ करोड़ से ज्यादा नौकरियां पैदा हुईं. 

आरबीआई ने 27 उद्योगों को छह सेक्टरों में बांट कर उनके आंकड़ों का विश्लेषण किया. इन सेक्टरों में कृषि, शिकार, वानिकी और मछली पालन, खनन और उत्खनन, निर्माण, बिजली, गैस और जल आपूर्ति और सेवा क्षेत्र शामिल हैं. औद्योगिक स्तर पर उत्पादकता मापने वाले-दी इंडिया KLEMS (पूंजी, श्रम, ऊर्जा, सामग्री, सेवाएं) के डाटा के मुताबिक इस समय देश में 64.33 करोड़ अस्थायी नौकरियां हैं.वित्त वर्ष 2022-2023 में 59.67 करोड़ से अधिक अस्थायी नौकरियां थीं.

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लोकसभा में विपक्ष ने बनाया चुनाव को मुद्दा

देश में नौकरियों की यह संख्या निजी क्षेत्र के उन सर्वेक्षणों के अनुमान से बहुत अधिक हैं,जो भारत में उच्च बेरोजगारी दर की ओर इशारा करते हैं. इस साल हुए लोकसभा चुनाव में उत्तर भारत के कई राज्यों में बेरोजगारी प्रमुख मुद्दा बनी थी.विपक्ष ने नरेंद्र मोदी सरकार पर युवाओं को रोजगार देने में विफल रहने का आरोप लगाया था.उनका कहना था कि नरेंद्र मोदी ने हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन ऐसा कर पाने में वह नाकाम रही है. विपक्ष के इस प्रचार के बाद भी नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बन पाने में सफल रहे. हालांकि बीजेपी अकेले के दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पाई. ऐसे में बीजेपी दूसरे दलों के समर्थन पर सरकार चला रही है.

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आरबीआई ने नौकरियों और उत्पादकता का पता लगाने के लिए नेशनल एकाउंट स्टैटिस्टिक, उद्योगों के सालाना सर्वे एनएसएसओ के सर्वेक्षणों और श्रम मंत्रालय के आंकड़ों का विश्लेषण किया है.

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बेरोजगारी की दर घटी

वहीं सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से इस साल में जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में जनवरी-मार्च 2023 के दौरान शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 6.8 फीसदी से कम हो गई.वहीं महिला बेरोजगारी दर जनवरी-मार्च 2023 के 9.2 फीसदी से घटकर जनवरी-मार्च 2024 में 8.5 फीसदी हो गई. ये आंकड़े त्रैमासिक आधार पर जारी किए जाते हैं. 

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