झारखंड (Jharkhand) के गिरिडीह (Giridih) में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां के सरकारी अस्पताल में चूहों ने कथित तौर पर एक नवजात के घुटनों और अन्य अंगों को कुतर दिया. अधिकारियों के मुताबिक इस मामले में दो आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाओं को समाप्त कर दिया गया. उन्होंने बताया कि घटना दो मई को गिरिडीह सदर अस्पताल (Giridih Sadar Hospital ) में हुई. नवजात बच्ची को गंभीर हालत में धनबाद के शाहिद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल (SNMMCH) ले जाया गया. एसएनएमएमसीएच के डॉक्टरों ने कहा कि नवजात की हालत अब स्थिर है.
मां ममता देवी ने कहा कि वह गिरिडीह अस्पताल के मॉडल मैटरनल एंड चाइल्ड हेल्थ वार्ड में नवजात को देखने के लिए पहुंची थी, जब उन्होंने बच्ची के घुटने पर चूहों के कुतरने का गहरा घाव देखा. बच्ची का जन्म 29 अप्रैल को हुआ था और उसे सांस लेने में तकलीफ के बाद एमसीएच में भर्ती कराया गया था.
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उन्होंने कहा कि ड्यूटी पर मौजूद नर्स ने उसे बताया था कि शिशु पीलिया से संक्रमित है. नर्स ने बच्ची को बेहतर अस्पताल में भर्ती कराने की भी सलाह दी थी.
अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है.
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एसएनएमएमसीएच में बाल रोग विभाग के प्रमुख अविनाश कुमार ने बताया, ''शिशु के घुटने पर गहरे घाव के निशान मिले हैं. एक सर्जन को मरीज को देखने के लिए कहा गया है क्योंकि घाव गहरा है.''
यह पूछे जाने पर कि क्या घाव चूहों के कारण हुए हैं, कुमार ने कहा, "घाव को देखकर मैं न तो यह दावा करूंगा कि चूहों ने कुतरा है और न ही इससे इनकार करूंगा."
गिरिडीह के उपायुक्त नमन प्रियेश लाकड़ा ने बताया कि गिरिडीह सदर अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई के लिए झारखंड स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र भेज दिया गया है. लाकड़ा ने कहा कि गिरिडीह अस्पताल के दो आउटसोर्स जीएनएम स्टाफ की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. जहां नवजात था, उस वार्ड के स्वीपर को हटा दिया गया है और एएनएम को सस्पेंड कर दिया गया है.
गिरिडीह के सिविल सर्जन एसपी मिश्रा ने कहा कि बच्चे के परिवार के सदस्यों की शिकायतों के बाद घटना की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ के दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. मिश्रा ने कहा कि मामला गंभीर है और उनकी ओर से लापरवाही दिखाता है.
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