झारखंड : डेढ़ दर्जन दिग्गज गये हाशिये पर, एनडीए-'इंडिया' ने 16 नए चेहरों को उतारा

भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का इस बार चुनावी अखाड़े में न होना भी दिलचस्प सियासी परिस्थिति का नतीजा है. वह 2019 के चुनाव में भाजपा की अन्नपूर्णा देवी से भारी मतों के अंतर से पराजित हो गए थे.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
कुल 16 नए चेहरे एनडीए और 'इंडिया' ब्लॉक की ओर से चुनाव मैदान में हैं.
रांची:

कहीं उम्र का तकाजा रहा, तो कहीं सियासी समीकरणों की उलटफेर, झारखंड में 2019 के चुनावी मुकाबले के कई बड़े योद्धाओं को इस बार दंगल शुरू होने के पहले ही दर्शकदीर्घा में बैठना पड़ा. एनडीए और “इंडिया” ने राज्य की 14 लोकसभा सीटों पर 16 नए उम्मीदवारों पर दांव खेला है. राज्य की उपराजधानी दुमका की लोकसभा सीट पर 47 साल में दूसरी बार है, झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन मैदान से बाहर हैं. वह 1977 से इस सीट पर लगातार लड़ते रहे और कुल आठ बार यहां से संसद पहुंचे. एक बार 1996 में उन्होंने यहां अपनी पत्नी रूपी सोरेन किस्कू को उतारा था, क्योंकि वह उस वक्त राज्यसभा के सदस्य थे. अब उनकी उम्र 80 साल है और सेहत भी ठीक नहीं है। ऐसे में उन्हें चुनाव मैदान से दूर होना पड़ा है.

रांची से तीन बार सांसद रहे 75 वर्षीय सुबोधकांत सहाय 1984 से लगातार इस सीट पर लड़ते रहे हैं. इस बार भी उन्होंने अखाड़े में उतरने के लिए जमकर तोल ठोंकी, लेकिन उनकी उम्र का हवाला देकर कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया. हालांकि पार्टी ने उनकी बेटी यशस्विनी सहाय को उम्मीदवार बनाकर उनका मान रख लिया है. धनबाद सीट से 2009, 2014 और 2019 में लगातार तीन बार जीत दर्ज करने वाले भाजपा के सांसद पी.एन. सिंह भी उम्र के तकाजे की वजह से इस बार टिकट से वंचित रहे.

लोहरदगा से लगातार तीन बार सांसद चुने गए सुदर्शन भगत, हजारीबाग से लगातार दो बार जीत दर्ज करने वाले जयंत सिन्हा और चतरा से दो बार के सांसद सुनील कुमार सिंह को पार्टी ने एंटी इन्कंबेंसी फैक्टर की वजह से टिकट नहीं दिया. भाजपा ने दुमका सीट पर सुनील सोरेन को उम्मीदवार घोषित कर दिया था, लेकिन बदली हुई सियासी परिस्थितियों में उनका टिकट वापस लेकर उनकी जगह सीता सोरेन को उतारा गया.

हजारीबाग सीट से 2019 के चुनाव में लड़ने वाले कांग्रेस के गोपाल साहू, चतरा सीट से इसी पार्टी के मनोज यादव, राजद के सुभाष यादव, कोडरमा सीट से भाकपा माले के राजकुमार यादव जैसे दिग्गज भी अलग-अलग सियासी परिस्थितियों की वजह से इस बार चुनाव मैदान में नहीं हैं. भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का इस बार चुनावी अखाड़े में न होना भी दिलचस्प सियासी परिस्थिति का नतीजा है. वह 2019 के चुनाव में कोडरमा सीट पर झारखंड विकास मोर्चा की ओर से उतरे थे, लेकिन भाजपा की अन्नपूर्णा देवी से भारी मतों के अंतर से पराजित हो गए थे. इस बार वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और स्टार प्रचारक के रूप में उन्हीं अन्नपूर्णा देवी के लिए वोट मांग रहे हैं.

Advertisement

राजमहल सीट पर 2019 में बतौर भाजपा प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे हेमलाल मुर्मू इस बार चुनाव मैदान में नहीं हैं. वह भाजपा छोड़कर झामुमो में शामिल हो चुके हैं और ऐसी कोई सीट नहीं थी जहां से उन्हें पार्टी उतार सके. पलामू में पिछली बार राजद के घूरन राम दूसरे नंबर पर रहे थे. वह इस बार चुनाव से कुछ दिन पहले भाजपा में शामिल हुए, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. पूर्व में सांसद रह चुके कई दिग्गज नेताओं ने इस बार मुकाबले में उतरने के लिए बहुत जोर लगाया, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी. ऐसे नेताओं में हजारीबाग से भाकपा के भुवनेश्वर मेहता, गोड्डा से कांग्रेस के फुरकान अंसारी, गिरिडीह से भाजपा के रवींद्र पांडेय शामिल हैं.

Advertisement

अब कुल 16 नए चेहरे एनडीए और 'इंडिया' ब्लॉक की ओर से मैदान में हैं. इनमें भाजपा की ओर से हजारीबाग में मनीष जायसवाल, दुमका में सीता सोरेन, चतरा में कालीचरण सिंह, धनबाद में ढुल्लू महतो, लोहरदगा में समीर उरांव और राजमहल में ताला मरांडी के नाम हैं. 'इंडिया' ब्लॉक की ओर से जमशेदपुर में समीर मोहंती, सिंहभूम में जोबा मांझी, पलामू में ममता भुइयां, कोडरमा में विनोद सिंह, हजारीबाग में जे.पी. पटेल, चतरा में के.एन. त्रिपाठी, दुमका में नलिन सोरेन, रांची में यशस्विनी सहाय, धनबाद में अनुपमा सिंह और गिरिडीह में मथुरा महतो शामिल हैं.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Akhilesh Yadav का MY वोट बैंक बिखरने लगा | UP News | CM Yogi | Party Politics
Topics mentioned in this article