झारखंड (Jharkhand) की खनन सचिव पूजा सिंघल खूंटी में मनरेगा के पैसों की कथित हेराफेरी से जुड़े धन शोधन के मामले सहित अन्य आरोपों में पूछताछ के लिए मंगलवार को रांची में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश हुई. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. ईडी धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत वर्ष 2000 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी सिंघल का बयान दर्ज कर सकती है. एजेंसी ने छह मई को सिंघल और उनके व्यवसायी पति अभिषेक झा के खिलाफ झारखंड सहित कुछ अन्य जगहों पर की गई छापेमारी के दौरान उनसे संक्षिप्त पूछताछ की थी.
इस दौरान ईडी ने झा के भी बयान दर्ज किए थे. मामला धन शोधन से जुड़ा है, जिसमें झारखंड सरकार के पूर्व जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा को ईडी ने 17 जून 2020 को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया था. सिन्हा के खिलाफ राज्य सतर्कता ब्यूरो द्वारा दर्ज प्राथमिकी के अध्ययन के बाद 2012 में पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया गया था. सिन्हा पर एक अप्रैल 2008 से 21 मार्च 2011 तक जूनियर इंजीनियर के पद पर रहते हुए जनता के पैसे की धांधली कर उसे अपने और अपने परिवारवालों के नाम से निवेश करने का आरोप है.
एजेंसी के अनुसार, यह पैसा खूंटी जिले में मनरेगा परियोजना के लिए दिया गया था. सिन्हा ने ईडी को बताया है कि उसने “परियोजना के पैसे का पांच प्रतिशत जिला प्रशासन को दिया था.” ईडी का आरोप है कि इस दौरान सिंघल चतरा, खूंटी और पलामू जिले की उपायुक्त व जिलाधिकारी थीं तथा उनके खिलाफ “अनियमितताओं” के आरोप लगाए गए थे.
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