Jharkhand Assembly Elections 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव में इस बार बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे पर खूब सियासी घमासान मचा है. विपक्षी बीजेपी राज्य में सत्ताधारी जेएमएम पर इसको लेकर आंखें मूंदे रहने का आरोप लगा रही है. पार्टी का दावा है कि इसकी वजह से आदिवासियों की जमीन अवैध घुसपैठिए हड़प रहे हैं, खासकर संथाल परगना इलाके की जनसांख्यिकी बदल गई है. लेकिन जेएमएम इन आरोपों को न सिर्फ खारिज कर रही है, बल्कि भाजपा पर सांप्रदायकिता को बढ़ावा देने का आरोप लगा रही है.
बीजेपी के द्वारा इस चुनाव में घुसपैठ को एक मुख्य मुद्दा बनाया गया है. रांची से सटे एक गांव में कुछ युवकों ने एनडीटीवी से कहा कि यदि घुसपैठ हो रही है तो कार्रवाई होनी चाहिए. एक ग्रामीण ने कहा कि बीजेपी चुनाव के दौरान यह बात कह रही है, पहले क्यों नहीं कह रही थी.
बीजेपी इस मुद्दे को लेकर लगातार आक्रामक है. झारखंड में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने एनडीटीवी से कहा कि सरकार बनाने पर बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें बाहर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि, ''बांग्लादेशी घुसपैठियों की वजह से हमारी डेमोग्राफी बदली है. आबादी का अनुपात बदला है. आदिवासियों की आबादी घट गई है जिसका कारण केवल बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं. हिंदुओं की आबादी 7 परसेंट घट गई है. मुस्लिम आबादी 4 परेंसट बढ़ी है. यह खतरनाक संकेत है. इसको समझने की जरूरत है.''
जेएमएम इन आरोपों को खारिज कर रही है. कल्पना सोरेन का कहना है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के मामले में जिम्मेदारी राज्य सरकार की नहीं बल्कि केंद्र सरकार की है. उन्होंने कहा कि, ''हमारी झारखंड की बाउंड्री इंटरनेशनल बॉर्डर से शेयर नहीं करती है. इंटरनेशनल बॉर्डर की सिक्योरिटी किसके हाथ में है, सेंट्रल गवर्नमेंट के हाथ में. यदि आप बॉर्डर सिक्योरिटी को क्लियर इंस्ट्रक्शन नहीं दे पा रहे हैं, आप नाकाम हैं वहां पर, तो आपकी नाकामी आप राज्य सरकार पर नहीं थोप सकते. यह इनकी नाकामी है जिसे छुपाने के लिए यह राज्य सरकार पर उंगली उठा रहे हैं.''