झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, उन्हें इस बात की सूचना नहीं है कि चुनाव आयोग ने राज्य के गवर्नर से उनकी अयोग्यता की सिफारिश की है. इसी बीच राज्यपाल रमेश बैस दिल्ली से रांची पहुंचे गए हैं. दरअसल मीडिया में ऐसी खबरें चल रही हैं कि झारखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी खतरे में है. निर्वाचन आयोग ने उनके खिलाफ राज्यपाल रमेश बैस को रिपोर्ट भेजी है. ये रिपोर्ट विधानसभा सदस्यता रद्द करने के मुद्दे पर है. हाालांकि रिपोर्ट में क्या है अभी ये साफ नहीं है.
वहीं सोरेन ने एक बयान में कहा "ऐसा लगता है कि भाजपा के एक सांसद और उनके कठपुतली पत्रकारों सहित भाजपा नेताओं ने खुद ईसीआई रिपोर्ट का मसौदा तैयार किया है, जो अन्यथा एक सीलबंद कवर रिपोर्ट है."
दूसरी ओर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने इस मामले में कहा कि हेमंत सोरेन को नैतिक आधार पर मध्यावधि चुनाव की ओर बढ़ना चाहिए. विधानसभा भंग की जाए और सभी 81 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव हो.
बता दें कि हेमंत सोरेन के खिलाफ खनन मामले में जांच चल रही है. ये मामला खुद के नाम पर खनन पट्टा आवंटन मामले से जुड़ा है. हेमंत पर पद का दुरुपयोग करने के आरोप हैं. चुनाव आयोग का फैसला राज्यपाल मानने को बाध्य है. बीजेपी ने राज्यपाल से अवैध आवंटन की शिकायत की थी.
हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए रांची के अनगड़ा में पत्थर की खदान लीज पर लेने की शिकायत की गई थी. बीजेपी ने फरवरी 2022 में झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन सौंपकर यह आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए हेमंत सोरेन ने अपने नाम से रांची के अनगड़ा में पत्थर खनन लीज आवंटित करा ली.
चुनाव आयोग ने इस मामले में सुनवाई की जो सोमवार को संपन्न हुई थी. मंगलवार को झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को अपनी राय भेजी गई. सूत्रों ने कहा कि अगले दिन राज्यपाल कार्यालय को ये रिपोर्ट प्राप्त हुई है. वहीं सांसद निशिकांत दुबे ने भी आज ट्वीट किया कि चुनाव आयोग का पत्र राजभवन पहुंच गया है.
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