हमारी सरकार रांची हेडक्वार्टर से नहीं, गांव-देहात से चलती है- झारखंड CM हेमंत सोरेन

हेमंत सोरेन ने कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि आपकी सरकार रांची हेडक्वार्टर से चलने वाली सरकार नहीं है, आपकी सरकार यहां के गांव-देहात से चलने वाली सरकार है. 

Advertisement
Read Time: 3 mins
रांची:

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने गुमला के सिसई में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि उनकी सरकार झारखंड के गांव-देहात से चलने वाली सरकार है. सीएम हेमंत सोरेन आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए गुरुवार को गुमला पहुंचे थे. इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि सरकार वही सफल होती है, जिस सरकार में उस राज्य की जनता के चेहरे पर मुस्कान हो. मैंने पहले भी कहा था कि आपकी सरकार रांची हेडक्वार्टर से चलने वाली सरकार नहीं है, आपकी सरकार यहां के गांव-देहात से चलने वाली सरकार है.

हेमंत सोरेन ने कहा कि जब आपकी सरकार बनी, उस समय मैंने कहा था यह गांव की सरकार है, यह झारखंडियों की सरकार है. आज गांव-गांव, टोला-टोला शिविर लगाकर पदाधिकारी आपकी समस्याओं का समाधान के लिए बैठे हैं. आपकी समस्याओं की गठरी बनाकर लाते हैं और हमलोग मिलकर आपकी समस्याओं का समाधान करते हैं. 

सीएम सोरेन ने कहा कि 18 से 19 साल की बहनें भी झारखण्ड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत फार्म भर सकती हैं. ताकि कानून बनते हैं आपको सम्मान राशि प्राप्त हो सके. आपका भाई यहां बैठा है, आपकी हर तकलीफ को दूर करने के लिए. 

हम अपना जल जंगल जमीन बचाएंगे: हेमंत सोरेन
हेमंत सोरेन ने कहा कि अलग-अलग कार्य से यहां के लोग विस्थापित होते रहें हैं.  लेकिन कैसे हम अपना जल, जंगल और जमीन बचाएंगे.  इस दिशा में हमने कदम बढ़ा दिया है.  हजारों लोगों का संघर्ष समाप्त हुआ.  मुझे मौका मिला.  मैंने नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की भूमि ग्रामीणों को वापस कर दी. 

 सरना आदिवासी धर्मकोड पर केंद्र नहीं दे रहा है आदेश: हेमंत सोरेन
देश में आदिवासियों की पहचान नहीं है.  इसलिए आपकी सरकार ने सरना आदिवासी धर्मकोड विधानसभा से पारित करके भेजा है, लेकिन भारत सरकार से इस पर आदेश प्राप्त नहीं है. अगर आदिवासी सरना धर्म कोड या आदिवासियों के लिए कोड मिल जाए तो हम देश के आदिवासी सुरक्षित हो जाएंगे.

अब डिसमिल में नहीं, एकड़ में वन पट्टा मिलेगा: CM
अब डिसमिल में नहीं, एकड़ में वन पट्टा मिलेगा. वो व्यक्तिगत हो या सामुदायिक. वनपट्टा के माध्यम से आप खेती का कार्य कर सकते हैं. अब तक लोहरदगा और गुमला में आपकी सरकार ने 22 सौ एकड़ भूमि का वनपट्टा वितरित किया है आज 1,250 एकड़ वन पट्टा का वितरण किया जा रहा है. 

Advertisement

ये भी पढ़ें- :

Featured Video Of The Day
One Nation One Election प्रस्ताव के समर्थक और विरोधियों के तर्क-वितर्क
Topics mentioned in this article