झारखंड के CM हेमंत सोरेन को राहत, मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई पर SC ने लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, " याचिकाकर्ता या ED सोरेन के खिलाफ पहली नजर में केस स्थापित नहीं कर पाए."

विज्ञापन
Read Time: 26 mins
मनी लांड्रिंंग मामले में हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है
नई दिल्‍ली:

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. शेल कंपनियों के जरिए मनी लांड्रिंग के आरोप पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई पर SC ने रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में याचिका के सुनवाई योग्य होने पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, " याचिकाकर्ता या ED सोरेन के खिलाफ पहली नजर में केस स्थापित नहीं कर पाए." शीर्ष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय यानी ED पर सवाल उठाते हुए कहा, "आपके पास सोरेन के खिलाफ इतने सबूत हैं तो कार्रवाई करिए. PILयाचिकाकर्ता के कंधे पर बंदूक क्यों चला रहे हैं? यदि आपके पास इतने अधिक ठोस सबूत हैं, तो आपको कोर्ट के आदेश की आवश्यकता क्यों है? पहली नजर में सामग्री होनी चाहिए." SC ने ED की सील कवर रिपोर्ट लेने से इंकार किया और कहा कि  यदि आप जो कह रहे हैं उसके अनुसार चलेंगे तो यह एक खतरनाक मिसाल कायम करेगा.किसी पर भी आपराधिक मुकदमा चल सकता है. सुप्रीम कोर्ट अब तय करेगा कि झारखंड हाईकोर्ट में सोरेन के खिलाफ कार्रवाई चलती रहेगी या नहीं. 

सुनवाई के दौरान जस्टिस यू यू ललित ने कहा, "आप सीलबंद लिफाफे में क्यों दाखिल कर रहे हैं? इसका मतलब यह नहीं है कि याचिकाकर्ता क्या कह रहा है बल्कि जांच एजेंसी क्या कह रही है?  याचिकाकर्ता वह बोझ अपने ऊपर नहीं ले रहा है. वह चाहता है कि जांच एजेंसी वह करे, जो वह हासिल करना चाहता है. हम फिलहाल सील कवर रिपोर्ट बाद में देखेंगे. पहले प्रथम दृष्टया मामला स्थापित करें. हम आपको रोक नहीं रहे हैं. अगर आपको जांच में कुछ मिल रहा है तो आप आगे बढ़ सकते हैं. आप अपनी प्रक्रिया को जारी रख सकते हैं. मुख्यमंत्री के पास पद संभालने से पहले ही ये जमीनें थीं. ऐसा नहीं है कि कार्यालय का दुरुपयोग धन इकट्ठा करने के लिए किया गया था. जाहिर है कुछ है जिसे हम दुश्मनी नहीं कहेंगे लेकिन ऐसा लगता है कि  दोनों पक्षों ने एक युद्ध रेखा खींची है. एक जनहित याचिका में आम तौर पर हम याचिकाकर्ता की साख पर नहीं बल्कि उससे पहले जमा किए गए मामलों और दस्तावेजों में जाते हैं. हम देख रहे हैं कि अदालत किस तरह के प्रथम दृष्टया निष्कर्ष पर पहुंच सकती है. यदि आपके पास इतने अधिक ठोस सबूत हैं, तो आपको कोर्ट के आदेश की आवश्यकता क्यों है? पहली नजर में सामग्री होनी चाहिए. यदि आप जो कह रहे हैं उसके अनुसार चलेंगे तो यह एक खतरनाक मिसाल कायम करेगा. किसी पर भी आपराधिक मुकदमा चल सकता है."

सुनवाई के दौरान जस्टिस एस रविंद्र भट ने कहा, "अगर एजेंसी के पास कुछ है तो आगे बढ़ें. एक जनहित याचिकाकर्ता के कंधों से फायर क्यों?" उधर, ED की ओर से एडीशनल सॉलिसिटर जनरल SV राजू ने सोरेन का विरोध किया.  उन्‍होंने कहा कि सोरेन के खिलाफ सबूत मिले हैं. ये मामला गंभीर है और हाईकोर्ट में सुनवाई जारी रखी जाए. जांच के दौरान कुछ गंभीर सामने आया है. मामले को तकनीकी खामियों के चलते खारिज नहीं किया जाए.  झारखंड सरकार की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा, "ये याचिका सुनवाई योग्य नहीं है .फिर भी हाईकोर्ट ने बिना याचिकाकर्ता की जांच किए सुनवाई शुरू कर दी. इसी याचिकाकर्ता ने और भी कई याचिकाएं दायर की हैं. हर कंपनी समान है. जनहित याचिका में सीएम के चारों तरफ आरोप हैं. जनहित याचिका के नियमों का उल्लंघन है. यह खुलासा नहीं है कि वह पहले के मामले में वकील था. वह एक पेशेवर व्यक्ति हैं, जिनका सारा ध्यान स्थिति का फायदा उठाने पर है, इसलिए उन्होंने आरोप लगाए हैं. आखिर वे कैसे कह सकते हैं कि ये शेल कंपनियां हैं, जब इन्हें 1960-79 में निगमित किया गया था? उनके  पास कानून में उपचार है, वह सबूत इकट्ठा करने, प्राथमिकी दर्ज करने का हकदार है.जनहित याचिका दायर करने से पहले उन्हें उन उपायों को समाप्त करना होगा."  

Advertisement

हेमंत सोरेन के लिए पेश मुकुल रोहतगी ने कहा कि जस्टिस बानुमति ने एक बार कहा था झारखंड राज्य में ज्यादातर PIL का दुरुपयोग होता है. यह एक उचित खेल नहीं है जो चल रहा है, जिस तरह से जनहित याचिका दायर की जाती है. वकील को प्रतिवादियों से जबरन वसूली के लिए गिरफ्तार किया गया हैयह कोई साधारण मामला नहीं है. इस अदालत ने बार-बार यह माना है कि खनन पट्टे के मामले में अयोग्यता की कार्रवाई शुरू नहीं होती है. यहां रिट दाखिल होने से पहले लीज सरेंडर कर दी गई थी. माइनिंग लीज और मनी लॉंड्रिंग मामले मे झारखंड CM हेमंत सोरेन के खिलाफ हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के खिलाफ हेमंत सोरेन और राज्य सरकार की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. 

Advertisement

* "मेरा नैतिक कर्तव्य है कि..." : विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने बताया, रूस से क्यों तेल खरीद रहा भारत
* अब परिभाषित करना होगा फ्री बी क्या है, हम करेंगे : सुप्रीम कोर्ट
* 200 करोड़ उगाही केस : ED की चार्जशीट में महाठग सुकेश के साथ एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडिस भी आरोपी

Advertisement

बिहार के नए कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को लेकर शुरू हुआ विवाद, CM Nitish Kumar ने कही ये बात

Advertisement
Featured Video Of The Day
Christmas Celebration 2024: Jharkhand CM Hemant Soren पहुंचे Archbishop House, दी शुभकामनाएं
Topics mentioned in this article